हिन्दू धर्म के पुराणों और शास्त्रों के अनुसार जहां-जहां माता सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां माता के शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये शक्तिपीठ अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन सुनने को मिलता है।
देवी पुराण में 51 शक्तिपीठो की जानकारी मिलती है। और देवी भागवत में 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है, इनके आलबा तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ का वर्णन मिलता हैं। ज्ञातव्य है की इन 51 शक्तिपीठों में से, 5 और भी कम हो गए। भारत-विभाजन के बाद भारत में 42 शक्ति पीठ रह गए है। इन शक्तिपीठो मे से 1 शक्तिपीठ पाकिस्तान में चला गया और 4 बांग्लादेश में। बचे हुए 4 पीठो में 1 श्रीलंका में, 1 तिब्बत में तथा 2 नेपाल में है।
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