About Mathura

Chappan Bhog Darshan Shri Dwarkadhish Ji Maharaj Temple Mathura
Chappan Bhog Darshan Shri Dwarkadhish Ji Maharaj Temple Mathura

श्री मथुरा जी का इतिहास

प्राचीन काल में मधु दैत्य के नाम पर मथुरा का नाम मधु नगरी हुआ करता था। सतयुग मैं यहाँ पर मधु दैत्य का राज्य हुआ करता था। मधु दैत्य ने भगवान महादेव जी की तपस्या करके एक त्रिशूल प्राप्त किया था। भगवान महादेव जी ने त्रिशूल देते समय कहा था। यह त्रिशूल जिसके पास जब तक रहेगा तब तक उसका कोई कुछ नहीं कर सकता है। मधु दैत्य ने यह त्रिशूल अपने पुत्र लवणासुर को दिया। लवणासुर के त्रिशूल के बल पर पृथ्वी पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया। त्रेतायुग में श्री रामचन्द्र जी के भाई शत्रुघ्न जी ने लवणासुर कर वध किया था। महामुनि भार्गव जी ने शत्रुघ्न जी को जानकारी दी थी की लवणासुर जब मृग शिकार के लिए जाता है। तभी वह त्रिशूल को मंदिर में रखकर जाता है। अतः इस ही समय उसका वध किया जा सकता है। महामुनि भार्गव के कहे अनुसार शत्रुघ्न जी ने मृग शिकार से लौटते समय लवणसुर कर वध कर दिया।

Shri Dwarkadhish Maharaj Temple Mathura
Shri Dwarkadhish Maharaj Temple Mathura

इसके बाद श्री शत्रुघ्न जी ने मधुवन जंगल काट कर मथुरा नगरी की स्थापन की। मथुरा नगरी में ही ध्रुव जी ने तप किया था। और भगवान से ध्रुव स्थान प्राप्त किया था। मथुरा नगरी को मुख्य पहचान भगवान श्री कृष्ण के कारण ही मिली है। द्वापर युग में श्री कृष्ण अवतार होने के कारण मथुरा नगरी को धार्मिक एवं ऐतिहाशिक पहचान प्राप्त हुई।

Shri Yamuna Ji Aarti Darshan Mathura
Shri Yamuna Ji Aarti Darshan Mathura

द्वापर युग श्री कृष्ण के मामा कंस मथुरा के राजा थे। कंस के मथुरा में अधिक अत्याचार के कारण ही भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया। कंस ने आकाशवाणी के कारण अपनी बहन और बहनोई को जेल में बन्द कर दिया था। आकाशवाणी में भविष्यवाणी हुई थी की वासुदेव और देवकी की आठवी संतान कंस का वध करेगी। भगवान श्री कृष्ण ने कंस को मारकर अपने माता पिता को बंधीगृह से मुक्त किया था। मथुरा नगरी में श्रीकृष्ण ने दंतवक्र को मारा था। मथुरा से 10 किमी की दूरी पर गोकुल गाव है। जिसे महावन भी कहते है। यह नंदबाबा और यशोदा जी का निवास स्थान हुआ करता था। गोकुल में ही वासुदेव जी ने श्री कृष्ण को यशोदा जी की पुत्री के साथ में बदला था। पूतना का वध गोकुल में ही हुआ था।

Shri Brij Mandal Holi Darshan
Shri Brij Mandal Holi Darshan

मथुरा से 12 किमी की दूरी पर वृंदावन स्थित है। नंदबाबा और यशोदा जी गोकुल छोड़कर श्री कृष्ण के साथ वृंदावन आ गये थे। श्री कृष्ण और बलराम जी ने वृंदावन में बहुत से असुरों का वध था। भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग को यही हराया था। केशी असुर को यहीं पर मारा था। बलराम जी ने धनुक और अन्य असुरो को यहीं पर मारा था। श्री राधा जी और अन्य गोपिकाये भगवान श्री कृष्ण के साथ यही कीड़ा किया करती थी। श्री कृष्ण ने रासलीला और वस्त्र छुपाने की लीला वृन्दावन में ही की थी।

Yugal Jodi Ji Sarkar Hindola Darshan, Dwarkadhish Ji Temple Mathura

Find Mathura Location On Google Map