गोकुल में घूमने के लिये जगहें
1श्री ठाकुरानी घाट / Shri Thakurani Ghat

श्री ठकुरानी घाट गोकुल का प्रमुख घाट है। जहाँ पर माँ यमुना महारानी जी ने श्री वल्लभाचार्य जी को दर्शन दिये थे। श्री वल्लभाचार्य जी ने दीक्षा देने की शुरुआत ठकुरानी घाट से की थी। यह स्थान वल्लभ संप्रदाय के वैष्णवों के लिए बहुत महत्व रखता है।
2नन्द भवन / Nanda Bhavan

भगवान विश्वकर्मा ने 5000 साल पहले नंदा भवन का निर्माण किया था। नन्द भवन, भगवान श्री कृष्णा के पालक पिता नन्दबाबा का घर हुआ करता था। यहीं पर माता रोहिणी ने भगवान श्री कृष्ण के बढे भाई, बलराम को जन्म दिया था। बलराम माता देवकी के सातवें पुत्र थे जिन्हें गर्भ अवस्था में ही, योगमाया ने आकर्षित करके माता रोहिणी के गर्भ में डाल दिया था। और भगवान श्री कृष्ण माता देवकी के आठवे पुत्र थे। भगवान श्री कृष्ण और बलराम का पालन पोषण नन्द भवन में ही हुआ था।
3ब्रह्माण्ड घाट / Brahmaand Ghat

यह वही घाट है, जहा भगवान श्री कृष्ण ने यशोदा माता को ब्रह्मांड की लीला दिखाई थी। यह लीला इस प्रकार है। एकवार गोपो के साथ में लुकाछिपी का खेल खेलते हुये श्री कृष्ण मिट्टी खा लेते है। और बाल कृष्ण के साथ में खेलने वाले गोप माता यशोदा को मिट्टी वाली बात बता देते है। माता यशोदा ने इस बात की पुष्टि भिया बलराम से भी की, बलराम ने भी माता यशोदा को सच – 2 बता दिया। तब माता ने बाल श्री कृष्ण से मुहँ खोल कर मिट्ठी दिखने के लिये कहा, श्री कृष्ण के मुहँ खोलने पर माता को सारा ब्रह्मांड दिखाई देता है और माता समझती है के किसी ने उनके लाला पर जादु टोना कर दिया है।
4रमण रेती / Raman Reti

रमण रेती वही स्थान है। जहाँ पर बाल श्री कृष्ण अपने गोप मित्रो के साथ में खेला करते थे। श्री कृष्ण का बाल रूप इसी मिट्टी में खेलते कुंदते हुये बिता है। इसी कारण जब भक्त लोग रमण रेती आते है तो वह श्री कृष्ण के स्पर्श को महसूस करते है। और इस ब्रिजरज लेट कर अपने को धन्य श्री पाते है।
5श्री गोकुलनाथ जी मंदिर / Shri Gokulnath Ji Temple

अत्यंत पवित्र स्थान माने जाने वाले गोकुलनाथ मंदिर में विशेष रूप से कृष्ण जन्माष्टमी और अन्नकूट उत्सव के दौरान हजारों तीर्थयात्री आते हैं। यदि आपको बहुत अधिक भीड़ पसंद नहीं है, तो उत्सव के समय में जाने से बचने की सलाह दी जाती है।