शुचीन्द्रम शक्तिपीठ
तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिासागर संगम स्थल पर स्थित है यह शुची शक्तिपीठ, जहां सती के उर्ध्व दन्त (ऊपर का दांत) यहीं पर गिरा था। माता सती यहां शक्ति नारायणी रूप में जबकि भगवान भोलेनाथ संहार भैरव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इसी स्थान पर भगवती देवी ने महाराक्षस बाणासुर का वध किया था और यहीं पर देवराज इन्द्र को महर्षि गौतम के शाप से मुक्ति मिली थी।