श्री गिरिधारी गौड़ीय मठ, गोवर्धन
श्री गिरिधारी गौड़ीय मठ, गोवर्धन, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक प्रमुख वैष्णव धार्मिक स्थल है। यह मठ विशेष रूप से श्री कृष्ण की उपासना, भक्ति साधना और गौड़ीय वैष्णव परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रसिद्ध है।

गिरिधारी शब्द भगवान श्री कृष्ण के एक नाम से लिया गया है, जो गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा करने वाले थे। गौड़ीय मठ, विशेषकर श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा स्थापित, वैष्णव धर्म के प्रचारक केंद्र रहे हैं। गिरिधारी गौड़ीय मठ नाम से कई मठ और मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, जो श्री कृष्ण की भक्ति और उपासना के केंद्र हैं।
स्थान और महत्व
गोवर्धन पर्वत के समीप स्थित यह मठ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना विधिपूर्वक की जाती है, और भक्तगण यहां आकर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।
मठ की मुख्य गतिविधियाँ
गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव: यह उत्सव विशेष रूप से कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन गिरिधारी मंदिर में पंचामृत से भगवान कृष्ण का अभिषेक, अन्नकूट भोग अर्पण, और सामूहिक प्रसाद वितरण किया जाता है। महोत्सव के दौरान हरिनाम संकीर्तन और भक्तों की परिक्रमा भी आयोजित की जाती है।

भक्ति साधना और शिक्षा: मठ में नियमित रूप से भजन-कीर्तन, प्रवचन, और वेद-शास्त्रों की शिक्षा दी जाती है। यहां आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और साधना के अवसर मिलते हैं। गिरिधारी गौड़ीय मठ न केवल धार्मिक केंद्र हैं, बल्कि ये स्थान भक्ति, सेवा, और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। यहां होने वाले उत्सव और अनुष्ठान भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
Shri Giridhari Gaudiya Math Govardhan Ashram Timings
समय: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक