Luk Luk Dauji Temple Govardhan

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Luk Luk Dauji Temple Govardhan
Luk Luk Dauji Temple Govardhan

लुक लुक दाऊजी मंदिर गोवर्धन

परिक्रमा मार्ग, आन्यौर – जतीपुरा के मध्य, श्रीधाम गोवर्धन में स्थित हैं। लुक लुक दाऊजी मंदिर

यह कथा उस समय की है जब भगवान श्री कृष्ण ने समस्त गोपियों के साथ रास – महारास किया था। जहां गोपी और भगवान श्री कृष्ण के अलावा कोई अन्य व्यक्ति नहीं था। परंतु वर्णन मिलता है कि वहां श्रीकृष्ण जी के बड़े भाई बलराम (बलदाऊ) जी ने सिंह (शेर) का रूप धारण कर गोवर्धन गिरिराज पर्वत पर छुपकर महारास लीला का दर्शन किया।

Luk Luk Dauji Maharaj Darshan Govardhan
Luk Luk Dauji Maharaj Darshan Govardhan

प्राचीन शास्त्रों में वर्णन आता है कि भगवान श्री कृष्ण का सर्वप्रथम रास – महारास चंद्रसरोवर (महमदपुर – पारासौली), निकट श्रीधाम गोवर्धन पर हुआ था। दूसरा महारास बंसीवट, तीसरा महारास श्रीमद् भागवत अनुसार कुसुम सरोवर, राधाकुंड परिक्रमा मार्ग, श्रीधाम गोवर्धन पर समस्त रानी – पटरानी – गोपी एवं समस्त भक्तों के साथ में हुआ था।

अतः प्रथम महारास जो भगवान श्री कृष्ण ने चंद्रसरोवर (महमदपुर – परसौली) पर किया। उस समय ब्रज के किसी व्यक्ति पुरुष ने इस लीला को छुप – छुपकर दर्शन किया तो वह कोई और नहीं भगवान श्रीकृष्ण जी के बड़े भाई शेषावतार श्री बलदाऊ (बलराम) जी ही थे। जिन्होंने गोवर्धन परिक्रमा मार्ग, आन्यौर और जतीपुरा गांव के मध्य गिरिराज पर्वत की ओट (आड) में लुककर भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला का दर्शन किया इसलिए उस स्थान को लुक लुक दाऊजी के नाम से जानते हैं।

Luk Luk Dauji Maharaj Shila Darshan Govardhan
Luk Luk Dauji Maharaj Shila Darshan Govardhan

ब्रजभाषा में अपने से बड़े भाई को ‘दाऊजी’ शब्द से संबोधन किया जाता है, इसलिए बड़े भाई होने पर बलराम जी को भी ‘दाऊजी’ कहा जाता है। यह प्राचीन मंदिर कृष्णकालीन है। और यहां हर दिन सैकड़ों – हज़ारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में माखन – मिश्री और खीर का भोग दाऊदादा (बलराम जी) को लगाया जाता है। गोवर्धन गिरिराज जी पर्वत में ही इनका श्री विग्रह बना हुआ है।

Luk Luk Dauji Maharaj Mandir Darshan Govardhan
Luk Luk Dauji Maharaj Mandir Darshan Govardhan

भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर पूरे दिन खुला रहता है और समय-समय पर भोग, आरती आदि पूजन क्रियाएं चलती रहती है। दाउ बाबा को एक मटके में माखन, मिश्री और खीर का भोग बृजबासियो के द्वारा लगाया जाता। जब बृजबासी दाउ बाबा जिस मटकी में भोग लगते वो मटकी अपने आप फूट जाती हैं। इस प्रकार लुक लुक दाउजी महाराज बृजबासियो का भोग स्वीकार करते है।

Luk Luk Dauji Temple Govardhan Address and Location with Google Map

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