Shri Thakurani Ghat Gokul

0
16
Shri Thakurani Ghat Gokul
Shri Thakurani Ghat Gokul

श्री ठकुरानी घाट गोकुल

श्री ठकुरानी घाट यमुना जी का गोकुल में प्रमुख घाट है। जहाँ पर माँ यमुना महारानी जी ने श्री वल्लभाचार्य जी को दर्शन दिये थे। इसलिए यमुना जी के इस घाट का नाम ठकुरानी घाट पड़ा। वैष्णव भक्तों के लिए यह स्थान विशेष महत्त्वपूर्ण है।

धर्म के प्रचार – प्रसार हेतु भ्रमण पर निकले श्रीमहाप्रभु वल्लभाचार्यजी अपनी पहली यात्रा में जिस समय झारखण्ड में थे तो सहज प्रभु कृपा का अनुभव उन्हें ऐसा हुआ कि सब छोड़कर सीधे ब्रज में चले आये। भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली गोकुल में यमुना के सुरमणीय तट पर पहुंच वहाँ के बुजुर्ग बड़े-बूढ़ों से स्थान के बारे में पूछा तो पता चला अमुक स्थान नन्दबाबा की खिरक के नाम से विख्यात है। आचार्य प्रभु वहीं विराजमान हो गये और शमी वृक्ष के नीचे बैठ श्रीमद् भागवत सप्ताह पारायण किया।

Shri Thakurani Ghat Gokul

वहाँ ठाकुर जी की छवी को विराजमान कर महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी सेवा-पूजा आदि करने लगे। एक दिन मध्य रात्रि में उनकी भक्ति से प्रसन्न हो भगवान प्रकट हो गये।

कितना सुंदर स्वरूप था उनका

“मोर पंख का मुकुट, कानों में सुंदर कुंडल, गले में वैजयंती माला, अधरों पर सुंदर वंशी, पीताम्बर पहने, कानों में जगमगाते कुण्डल, सघन घुँघराली केशावलि, मयूर पिच्छधारी श्यामलोज्ज्वल स्वरूप” का प्रसार करते हुए छवि इतनी सुंदर है कि शब्दों में वर्णन ही नहीं किया जा सकता। तब भगवान ने अपने स्नेह सिञ्चित पीताम्बर छोर से महाप्रभुजी को नव जीवन (कृपा) प्रदान किया।

Shri Thakurani Ghat Gokul Shrinath Ji Mandir
Shri Thakurani Ghat Gokul Shrinath Ji Mandir

जगद्उद्धार हेतु ब्रह्म-सम्बन्ध (दीक्षा) प्रदान करने की आज्ञा प्रदान दी। करुणावरुणालय भगवान श्रीकृष्ण ने यह भी आशीर्वाद दिया कि आप जगत उद्धार हेतु जिस भी जीव को मेरे सम्मुख करेंगे मैं उसे अङ्गीकार (स्वीकार) करूंगा। इसके पश्चात् भगवान श्रीकृष्ण अन्तर्धान हो गये।

यहीं पर श्रीवल्लभाचार्य जी ने विश्व प्रसिद्ध श्री मधुराष्टकम् एवं यमुनाष्टकम की रचना की।

श्री मधुराष्टकं….

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥

श्री यमुनाष्टकम….

नमामि यमुनामहं सकल सिद्धि हेतुं मुदा,
मुरारि पद पंकज स्फ़ुरदमन्द रेणुत्कटाम।
तटस्थ नव कानन प्रकटमोद पुष्पाम्बुना,
सुरासुरसुपूजित स्मरपितुः श्रियं बिभ्रतीम॥

सर्वप्रथम इसी स्थल पर, महाप्रभु वल्लभाचार्यजी ने ‘श्रीदामोदर दास हरसानी’ जी को दीक्षा दी।

Shri Thakurani Ghat Gokul Address and Location with Google Map

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here