चिंताहरण महादेव मंदिर गोकुल
चिंताहरण महादेव मंदिर और चिंताहरण घाट, गोकुल महावन में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्री कृष्ण के साथ जुड़ी कई महत्वपूर्ण कथाओं का केंद्र है।
यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है और यहां स्थापित शिवलिंग स्वयंभू (स्वयं प्रकटित) है। मान्यता है कि भगवान शिव यहां भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए आए थे। माता यशोदा ने शिवजी को कृष्ण का दर्शन नहीं कराया, क्योंकि उनका रूप अत्यंत भयंकर था। तब भगवान शिव यहीं बैठ गए और ध्यान करने लगे, जिससे उनकी चिंता हर गई। तभी से उन्हें चिंताहरण महादेव के नाम से जाना जाता है।

श्रीमद्भागवत, गर्ग संहिता और शिव पुराण में भी इस स्थान का उल्लेख है।
चिंताहरण घाट, यमुना नदी के किनारे स्थित है और यहां स्नान करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि यहां यमुना के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से 1108 शिवलिंगों के अभिषेक का पुण्य मिलता है।

यदि आप गोकुल महावन की यात्रा पर जाएं, तो चिंताहरण महादेव मंदिर और घाट का दर्शन अवश्य करें। यहां की शांति और धार्मिक वातावरण आत्मिक शांति प्रदान करते हैं।