बांके बिहारी जी पुष्प एवं पुष्प हार सेवा
खास एवं सुगंधित फूलो के हार से ठाकुर श्री बांके बिहारी जी को सुंदर सजाया जाता है। फिर मंदिर की चोखट को फूलों से सजाया जाता है। तभी तो भक्त उस मनमोहक झलक को देख बोलने को मजबूर हो जाते हैं और झूमते हुए कहते हैं :- फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी। और साथ सज रही हैं वृषभानु की दुलारी।। तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
अब सोचने की बात यह है कि जब एक प्रेमी भक्त, ठाकुर जी का सेवक अपने ठाकुर जी को खास एवं सुगंधित फूलों की सेवा करता है तो खुश होकर बांके बिहारी अपना प्यार कैसे लुटाते हैं उस पर अपनी दया दृष्टि कैसे करते हैं।
फूल, पुष्प, सुमन, कुसुम आदि नामों से जिन्हें हम पुकारते हैं। जिनके विचार मात्र से मन सुगन्धित हो जाता है। इर्द गिर्द खुशबू ही खुशबू फैल जाती है। आखिर हमारी प्रकृति के इतने खूबसूरत उपहार से ठाकुर जी को प्रेम क्यों नहीं होना चाहिए। आइए जानते हैं कि फूल का क्या महत्व होता है।
- फूलों से जीवन सकारात्मक ऊर्जा में संचार करता है।
- फूल मानव की श्रद्धा और भावना का संकेत है।
- फूलों में भिन्न – भिन्न वर्ण ( रंग ) और सुगंधि अलग तरह का प्रभाव पैदा करती हैं। इनके माध्यम से अलग-अलग तरह की इच्छाएं भी पूरी की जा सकती है।
- पुराणों में कहां गया है कि आदिकाल से फूल, देवी – देवताओं का पसंदीदा रहा है।





