इस्कॉन मंदिर वृंदावन
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस की स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी श्री प्रभुपाद द्वारा व्यक्तिगत रूप से 1975 में की गई थी। इस्कॉन मंदिर का उद्देश्य मानव जाति की सामान्य भलाई के उत्थान के लिए है। यह पवित्र भगवद गीता और वैदिक धर्मग्रंथों के संदेश का प्रचार करता है, जो व्यक्तियों को स्पष्ट संदेश देता है। इस आंदोलन का मुख्य सार लोगों को हिंदू धर्म के पारंपरिक सिद्धांतों के आधार पर एक सरल और शुद्ध जीवन जीने में मदद करना है। सोसाइटी को कई मंदिरों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है, जिसमें सबसे पहले वृंदावन में रमन रेती में इस्कॉन मंदिर है।
इस्कॉन मंदिर सफेद सगंमरमर से बनाया गया है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते है, मंदिर के प्रमुख देवता कृष्ण-बलराम की छवि है, जो प्रवेश द्वार से दिखाई देती है। इस परिसर में गौरा-नितई और राधा श्यामसुंदर को समर्पित मंदिर भी हैं, जिसमें देवताओं के चित्रों की भव्यता और सुंदरता देखते ही बनती हैं। इस्कॉन वृंदावन मंदिर को कृष्ण बलराम मंदिर के रूप में भी जाना जाता है और यह भगवान कृष्ण के धार्मिक स्थलों में से एक है। दुनिया भर से भक्त मंदिर में, विशेष रूप से त्यौहारों के समय में भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए जुटते हैं।
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