Shiv Shakti

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Bhagwan Shiv Ji Ke Avatar Shri Veerabhadra Ji Ki Utpatti Ki Katha
Bhagwan Shiv Ji Ke Avatar Shri Veerabhadra Ji Ki Utpatti Ki Katha

शिव शक्ति

कनखल क्षेत्र मे दक्ष प्रजापति द्वारा यज्ञ मे द्वेष बुद्धि के चलते अपने जमाता महादेव को न बुलाये जाने के बावजूद एवं महादेव के समझाने के बाद भी माता सती न मानी । अपने पिता के यहाँ जा शिव निन्दा सहन न कर पा , योगाग्नि से उन्होने अपनी देह त्याग दी । महादेव को यह संवाद मिलने पर उन्होने वीरभद्र की उत्पत्ति कर दक्ष यज्ञ विध्वंस कर माता सती के मृत देह को लिये उन्मत्त भाव से पृथ्वी पर भटकने लगे – सर्वत्र हाहाकार मच गया अनिष्ट की आशंका के चलते भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को खण्ड खण्ड कर के काट दिया । माता सती के अंग प्रत्यंग तथा आभूषण इक्यावन स्थानों पर गिरे । इन्हीं प्रत्येक स्थानों पर क्रमश: एक एक शक्ति – शक्तिपीठ रूप मे भिन्न भिन्न नाम रूप धारण कर विराजमान हुईं । उपलब्ध जानकारी अनुसार

  1. ब्रह्मरन्ध्र – कोटरी देवी – हिंगुला ( हिंगुलाज , पाकिस्तान )
  2. त्रिनेत्र – महिषमर्दनी – कोल्हापुर ( महाराष्ट्र )
  3. नासिका – सुनन्दा देवी – सुगन्धा ( बांग्लादेश )
  4. कण्ठ – वरदा देवी – अमरनाथ ( काश्मीर )
  5. जीभ – सिद्धिदा – ज्वालामुखी काँगड़ा ( पंजाब )
  6. वाम स्तन – त्रिपुरमालिनी – जालन्धर ( पंजाब )
  7. हृदय – जयदुर्गा – वैद्यनाथधाम ( झारखण्ड )
  8. घुटना – गुह्येश्वरी – बागमती नदी के पास ( नेपाल )
  9. दाहिनी हथेली – दाक्षायणी – मानसरोवर ( तिब्बत )
  10. नाभि – विमला ( विरजा ) देवी – जगन्नाथपुरी ( उड़ीसा )
  11. दक्षिण गण्ड – गण्डकी देवी – मुक्तिनाथ ( नेपाल )
  12. बाम हस्त – बहुला देवी – केतुग्राम ( बंगाल )
  13. कोहनी – मंगल चण्डिका ( हरसिद्धि ) – उज्जैन ( मध्य प्रदेश )
  14. दाहिना हाथ – भवानी – चटगाँव ( बंगला देश )
  15. दाहिना पाँव – त्रिपुरा सुन्दरी – राधाकिशोरपुर ( त्रिपुरा )
  16. बायाँ पाँव – भ्रामरी देवी – जलपाइगुड़ी ( बंगाल )
  17. योनि – कामाख्या – गोहाटी ( आसाम )
  18. दाहिने पाँव का अँगूठा – युगाद्याभूतधात्री – वर्दवान ( बंगाल )
  19. बायें पाँव की अंगुलियाँ – महाकाली – कलकत्ता ( बंगाल )
  20. हाथ की अंगुलियाँ – ललिता देवी – प्रयाग इलाहाबाद ( उत्तर प्रदेश )
  21. बायीं जाँघ – जयन्ती देवी – बाउर गाँव ( आसाम )
  22. किरीट – भुवनेशी ( विमला ) देवी – बडनगर हावड़ा ( बंगाल )
  23. कुंडल – विशालाक्षी – मणिकर्णिका वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )
  24. पीठ – सर्वाणी – कन्यकाश्रम कन्याकुमारी
  25. दाहिना गुल्फ – सावित्री देवी – थानेश्वर ( हरियाणा )
  26. मणिबन्ध – गायत्री – पुष्कर ( राजस्थान )
  27. गर्दन – महालक्ष्मी – मल्लिकार्जुन ( आन्ध्रप्रदेश )
  28. अस्थि पंजर – देवगर्भा – शिवकांची ( तामिलनाडु )
  29. बायाँ नितंब – सिद्धिदा काली – कालमाधव
  30. दाहिना नितंब – शोणाक्षी – शोण ,अमरकण्टक ( मध्य प्रदेश )
  31. दाहिना स्तन – शिवानी – रामगिरि नागपुर ( महाराष्ट्र )
  32. केश – उमा देवी – भूतेश्वर मथुरा ( उत्तर प्रदेश )
  33. ऊपर की दंत पंक्ति – नारायणि – संहार स्थाणु शिव कन्याकुमारी
  34. नीचे की दंत पंक्ति – वाराही – पंचसागर
  35. बायाँ तलवा – अपर्णा – भवानीपुर ( बगंला देश )
  36. दाहिना तलवा – श्री सुन्दरी – लद्दाख ( काश्मीर )
  37. बांया गुल्फ – कपालिनी – मेदनीरुर ( बंगाल )
  38. उदर – चन्द्रभागा – गिरनार प्रभास क्षेत्र ( गुजरात )
  39. ऊपर का ओंठ – अवन्ति – उज्जैन ( मध्य प्रदेश )
  40. चिबुक ( ठुड्डी ) – भ्रामरी – पंचवटी नासिक ( महाराष्ट्र )
  41. बाँया गण्ड – विश्वेशी – गोदावरी ( महाराष्ट्र )
  42. दाहिना कंधा – कुमारी – रत्नावली हुगली ( कर्नाटक )
  43. बायाँ कंधा – उमादेवी – मिथिला ( बिहार )
  44. उदर नली – काली देवी – नलहट्टी ( बंगाल )
  45. कान – जयदुर्गा – कर्नाट
  46. मन – महिषमर्दनी – वीरभूमि ( बंगाल )
  47. दाहिनी हथेली – यशोरेश्वरी – जयसोर खुलना ( बांग्लादेश )
  48. हास्य – पुल्लरा देवी – लाभपुर ( बंगाल )
  49. हार – नन्दिनी देवी – नन्दीपुर ( बंगाल )
  50. नुपुर – इन्द्राक्षी – लंका
  51. दाहिने पाँव की अंगुलियाँ – अम्बिका – विराट ग्राम जयपुर ( राजस्थान )

शिव शक्तिकाभ्यां नम।
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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