Manohar Bal Lila

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Manohar Bal Lila
Manohar Bal Lila

मनोहर बाल लीला

यशोदा मैया गोपियों का उलाहना सुन सुन कर झुँझलाती हुई कहती हैं
परीं सब बैर हमारे लाल।
हम पूछति छींके पै कैसे, पहुँचि सकत गोपाल।
सुनु येहि छोट जान जनि मैया, बडो होत तत्काल।
सुनु मैया!इक काल अनेकन, रूप धरत यह बाल।
भोरी मातु ‘कृपालु’ न जानति, मायापति को जाल।

श्री कृष्ण शरणम ममः

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