Maan Mandir Maangarh Barshan

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Maan Mandir Maangarh Barshan
Maan Mandir Maangarh Barshan

मान मंदिर – मानगढ़, गहवर वन, श्रीधाम बरसाना

लाडली किशोरी जी के नाराज होने पर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को उन्हें मनाना पड़ा। खुश करने के कई उपाय किए, जैसे कभी उनके चरणों में सर रखते, कभी उनको पंखा झलते, कभी आइना दिखाते, कभी विनय करते, परंतु जब भी श्री राधारानी जी नहीं मानती तो कन्हैया सखियों का सहारा लेते। इन्हीं प्यारी लीलाओं के कारण इस स्थान का नाम मानगढ़ पड़ गया।

अच्छा इस स्थान पर मान का अर्थ नाराज होना है, न कि लड़ाई – झगड़ा। जैसा कि दुनियां में होता है। लेकिन नित्य संगिनी देवी श्रीराधा जी के मान का अर्थ कृष्ण जी को सुख पहुंचाना है। इसलिए इसे मानलीला कहा जाता है। मान मंदिर स्थल पर श्रीमानबिहारी लाल जी के दर्शन भी हैं।

Maan Mandir Maangarh Barshan
Maan Mandir Maangarh Barshan

वैसे तो ब्रजमंडल के रजकण में प्रभु श्रीराधाकृष्ण की असंख्य दिव्य लीलायें हैं। उसी प्रकार राधारानी के निजधाम बरसाना धाम में लीलाओं के अनेकों चिन्ह आज भी मौजूद है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा चन्द्रमा से बृषभानु दुलारी के सुंदरता की तुलना उन्हें अच्छी नहीं लगी और वो नाराज होकर एक शिला के पीछे जाकर छुप गई थी। मान मन्दिर पर उक्त गुफा में आज भी वो शिला उपस्थित है। जहा श्यामाजू छुपकर बैठी थी। उक्त शिला पर आज भी उनके प्रतीक चिन्ह आकृति व हाथ का पंजा नजर आता है।

शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि राधाजी का जन्म यमुनाजी के किनारे बसे रावल गांव में हुआ था और बाद में उनके पिताजी बरसाना में गए। मान्यता के अनुसार नन्दबाबा एवं वृषभानु का आपस में घनिष्ठ प्रेम था। कंस के द्वारा भेजे गये असुरों के उपद्रवों के कारण जब नन्दराज अपने परिवार, समस्त गोपों एवं गौधन के साथ गोकुल-महावन छोड़कर नन्दगाँव में जा बसे।

Gehvar Van Barsana
Gehvar Van Barsana

लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म बरसाना में हुआ था। राधारानी का प्रसिद्ध मंदिर बरसाना की ब्रह्मांचल पहाड़ी पर स्थित है।

हमारी लाडली किशोरी श्रीराधारानी का जिक्र पद्म पुराण, स्कन्द पुराण, मत्स्य पुराण, गीत गोविंद, गर्ग संहिता, शिव पुराण, लिंगपुराण, वाराह पुराण, नारदपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है। श्रीपद्म पुराण के कथन अनुसार राधाजी वृषभानु नामक गोप की पुत्री थीं। गर्ग संहिता और ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्रीराधाकृष्ण जी का विवाह – परिणय गुप्त रूप में भांडीरवन (वट) मे संपन्न हुआ था।

श्रीगोविंद जी का एक पद है जिसमें उन्होंने लिखा है कि…

Barsana Parikrama
Barsana Parikrama

श्री राधारानी का मान शिखर के नीचे से शुरू हुआ और जैसे-जैसे श्रीकृष्ण ने मनाया वैसे वैसे श्रीजी ऊपर चढ़ती गईं। और जब श्रीजी सबसे ऊपर चढ़ गईं, तब दामोदर ने सखियों का सहारा लिया। उन्होंने ललिता, विशाखा आदि सखियों को कहा कि हम तो थक गए, अब आप हमारी मदद कीजिए। तब सभी सखियाँ नीचे जातीं हैं और फिर ऊपर की ओर बढ़ती हैं ताकि श्रीराधारानी, केशव को स्वीकार कर लें और फिर जैसे सखियाँ लौटने लगतीं हैं, फिर गोपाल उन्हें आगे बढ़ने के लिए निवेदन करते हैं।

!! बोलिए मानबिहारी लाल की जय !!
!! बोलो राधारानी सरकार की जय !!

मान मंदिर के पास घूमने के स्थान / Places to visit near the Maan Mandir

  • सांकरी खोर ( Sankari Khor )
  • रंगली महल ( Rangli Mahal )
  • कीर्ति मंदिर ( Kirti Temple )
  • दान बिहारी मंदिर ( Dan Bihari Temple )
  • राधा कुशल बिहारी मंदिर ( Radha Kushalbihari Temple )

मान मंदिर समय सारणी / Maan Mandir Temple Timings

मान मंदिर प्रातःकाल का समय

खुलने का समय: सुबह 07:00 बजे से 12:00 बजे तक

कीर्ति मंदिर सायं:काल का समय

खुलने का समय: सायं 04:00 बजे से 09:00 बजे तक

Maan Mandir Maangarh Barshan Address and Location with Google Map

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