भगवान नाम की महिमा
एक अनपढ़ और साधारण सा व्यक्ति एक दिन एक महात्मा के पास गया और बोला, महाराज! मुझे कोई ऐसा सरल और सीधा नाम बताइए, जिसे मैं भगवान का नाम ले सकूं। महात्माजी ने मुस्कुराते हुए कहा, तुम अघमोचन नाम लिया करो। ‘अघ’ का मतलब है पाप, और ‘मोचन’ का मतलब है छुड़ाने वाला। इस नाम का जाप करो, इससे तुम्हारे पाप कट जाएंगे।
वह आदमी खुशी-खुशी यह नाम लेकर चल पड़ा। लेकिन गाँव पहुंचते-पहुंचते वह ‘अघ’ को भूल गया और ‘घमोचन-घमोचन’ कहना शुरू कर दिया। अब वह दिन-रात इसी नाम का जप करता रहा, “घमोचन-घमोचन”।
उधर, वैकुंठ लोक में भगवान श्री विष्णु भोजन करने बैठे थे, और अचानक भगवान ने यह नाम सुना। भगवान हँसते हुए बोले, आज तो मेरा भक्त ऐसा नाम ले रहा है जो किसी शास्त्र में नहीं पाया जाता। इस नाम को सुनकर मुझे हंसी आ रही है। लक्ष्मीजी ने पूछा, “प्रभु! आप क्यों हँस रहे हैं?” भगवान ने कहा, देखो, मेरा भक्त ‘घमोचन’ नाम ले रहा है। यह नाम तो किसी शास्त्र में नहीं है, लेकिन वह तो मेरा ही नाम ले रहा है।
लक्ष्मीजी बोलीं, प्रभु, हम इसे देखना चाहते हैं। दोनों भगवान और लक्ष्मीजी उस किसान के पास पहुँच गए। भगवान ने खुद को छिपा लिया, जबकि लक्ष्मीजी भक्त से मिलने के लिए पास गईं।
लक्ष्मीजी ने पूछा, तू यह क्या ‘घमोचन-घमोचन’ बोल रहा है? भक्त ने कुछ नहीं कहा, क्योंकि वह भगवान का नाम जपने में पूरी तरह ध्यान लगाकर था। लक्ष्मीजी फिर से पूछती रहीं, लेकिन भक्त चुप रहा, क्योंकि उसे डर था कि नाम का जप छूट जाएगा।
आखिरकार, भक्त झुँझलाकर बोला, “जा! तू मेरे ‘भरतार’ (पति) का नाम ले रहा हूँ, क्या करोगी?” लक्ष्मीजी डर गईं, क्योंकि अब वह समझ गईं कि यह आदमी उसे पहचान गया। फिर उसने पूछा, “तू मेरे पति को जानता है? कहाँ है वह?”
भक्त ने गुस्से में कहा, “वह तो गड्ढे में है, क्या चाहती हो? वहीं जाओ!
अब लक्ष्मीजी को पूरी बात समझ में आ गई। भगवान को बुलाया और वह गड्ढे से बाहर निकल आए। भगवान ने कहा, लक्ष्मी, देखो, ‘मेरे नाम की महिमा’! यह आदमी बिना समझे, बिना जाने, ‘घमोचन-घमोचन’ कर रहा था, लेकिन यह तो मेरा ही नाम ले रहा था। शुद्ध-अशुद्ध, ठीक-ठीक शब्दों से नहीं, गुस्से में भी इसने मेरा नाम लिया। मैं तो इसके पास पहुँच ही गया।
भगवान ने उस भक्त को दर्शन देकर उसे आशीर्वाद दिया। भगवान के नाम में कोई सीमा नहीं है, न वह शुद्धता देखता है, न शास्त्रों का भेद। बस, सच्चे दिल से जो भी भगवान का नाम लेता है, वह भगवान के दिल को छू जाता है।
जय जय श्री राधे