होली खेल रहे बांके बिहारी आज रंग बरस रहा
आये फाग खेलन गोपाल बरसाने में।
गावे ख्याल दे दे ताल और हर्षित है।।
इतते किशोरी गोरी सखियन के उथ महान।
ले के अवीर पर कपोल वरसत है ।।
कंचन पिचकारी तकी मारी बिहारी ने।
लाल बलवीर अंग प्रति दरसत है।।
छातन ते, छहजेन ते, झरोकन ते, मोखन ते।
आज नन्दलाल पर गुलाल बरसत है।।
होली खेल रहे बाँके बिहारी आज रंग बरस रहा…