Ganga Amrit Tulya Hai

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Ganga Ghat Haridwar
Ganga Ghat Haridwar

गंगा अमृत तुल्य है

गंगा मैया को भारतीय संस्कृति में बहुत सम्मानित और पवित्र नदी माना जाता है। इसे “अमृत तुल्य” या “पवित्र” कहा जाता है क्योंकि गंगा का जल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुद्ध और पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में गंगा के पानी को जीवनदायिनी और उद्धारक माना जाता है, और यह विश्वास है कि गंगा में स्नान करने से आत्मा के पाप धोते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है। गंगा को देवी के रूप में पूजा जाता है, और इसके जल में औषधीय गुण भी माने जाते हैं।

Har Ki Pauri Haridwar
Har Ki Pauri Haridwar

एक समय अकबर ने अपने दरबारियों से पूछा – बताओ, किस नदी का पानी सबसे अच्छा है ? सभी दरबारियों ने एकमत से उत्तर दिया, गंगा मैया का पानी सबसे अच्छा होता है। लेकिन बीरबल ने कोई जवाब नहीं दिया। उसे मौन देखकर अकबर बोले – बीरबल ! तुम चुप हो ? बीरबल बोले – बादशाह हुजूर ! पानी यमुना नदी का अच्छा होता है। बीरबल का उत्तर सुनकर बादशाह को बड़ी हैरानी हुई और बोले कि तुमने ऐसा किस आधार पर कहा, जबकि धर्मग्रंथों में तो गंगा जी का जल ही सबसे शुद्ध तथा पवित्र बताया गया है। बीरबल ने कहा – हुजूर ! मैं भला पानी की तुलना अमृत से कैसे कर सकता हूँ, गंगाजी में बहने वाला पानी केवल पानी नहीं अपितु अमृत है, इसकी तुलना पानी से नहीं की जा सकती, साक्षात् भगवान् के श्रीचरणों से उसका अवतरण हुआ है। ये साक्षात् भगवत्स्वरूपा हैं।

Haridwar
Haridwar

बादशाह अकबर और सभी दरबारी निरुत्तर हो गए और उन्हें मानना पड़ा कि बीरबल सत्य कह रहा है। गंगा जी साक्षात् भगवान् का स्वरूप हैं। इनकी तुलना किसी भी जल से नहीं की जा सकती। इनके दर्शन मात्र से अनेकानेक जन्म – जन्मान्तर के पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा मैया तो साक्षात् अमृततुल्य हैं।

जय जय श्री राधे

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