भजन: धोबी मैले कपडे माता
हो धोबी मैले कपड़े धोता, मैले दिल तूँ धोएगी।
हो मेरी चौरासी कट जाएगी, दया तेरी जब होएगी।।
मालण बनके तूँ धरती में, बीज़ ज्ञान के बोएगी।
हो मेरी चौरासी कट जाएगी, दया तेरी जब होएगी।।
हो धोबी मैले कपड़े धोता………
गंगा यमुना सरस्वती भी, तेरे ही तो नाम माँ
आठों पहर सुधा लुटाना, तेरा अदभुत काम माँ
मूढ़ गँवार नादानों को, तूँ विद्वान् बना देती
तेरी मौज़ बबूल पे भी, मीठे आम लगा देती,
तूँ है पार लगाने वाली, नईया नहीं डुबोएगी।
हो मेरी चौरासी कट जाएगी, दया तेरी जब होएगी।।
हो धोबी मैले कपड़े धोता………
तेरा मन है मान सरोवर, सभी देवता कहते हैं
श्रद्धा लग्न के हँस भवानी, यहाँ पे मोती चुगते हैं
कामधेनु हाथ तुम्हारे, चरण पारस मणिया माँ
तेरी जादू मई नज़र से, तर गई पापी दुनियाँ माँ
अब भी मेरे लिए तूँ माता, ममता पुष्प प्रोऐगी।
हो मेरी चौरासी कट जाएगी, दया तेरी जब होएगी।।
हो धोबी मैले कपड़े धोता………
जिन भक्तों की भक्ति तेरी, चाह में जग भुला देती
उनकी कुटिया की जगह तूँ, शीश महल बनवा देती
मुझे भी तुम पर बड़ा भरोसा, विगड़ी बात बना दोगी
कभी भटकने न तुम दोगी, मंज़िल तक पहुँचा दोगी
व्याकुल बच्चा जब तक जागे, तूँ भी न माँ सोएगी।
हो मेरी चौरासी कट जाएगी, दया तेरी जब होएगी।।
हो धोबी मैले कपड़े धोता………