सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग है। सोमनाथ मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है, कि जब चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने श्राप दिया था, कि तुम्हारा शरीर धीरे-धीरे क्षीण हो जाएगा। तब राजा दक्ष के श्राप के बाद चंद्रमा का शरीर धीरे-धीरे नष्ट होने लगा। श्राप के कारण, दुनिया के सभी जीव जंतुओ को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सभी देवतागण चिंतित होने लगे और सभी देवता चंद्र देवता के साथ मिलकर ब्रह्मा जी के पास गए उन्होंने ब्रह्मा जी को पूरी बात बताई। ब्रह्मा जी ने चन्द्रदेव को, सभी देवताओं के साथ मिलकर भगवान शिव की आराधना करने को कहा। तब चंद्रदेव ने इसी स्थान पर तप कर, श्राप से मुक्ति पाई थी।
सभी देवताओं के साथ मिलकर 6 महीनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। मंत्र जाप से प्रसन्न होकर भगवान शिव वहां पर प्रकट हुए और चंद्रमा को वर दीया कि माह के 15 दिन तुम्हारा शरीर धीरे-धीरे क्षीन होगा जिसे लोग कृष्ण पक्ष के नाम से जानेंगे और माह के 15 दिन तुम्हारा शरीर थोड़ा-थोड़ा बढ़ते हुए पूरा होगा और इस पक्ष को लोग शुक्ल पक्ष के नाम से जानेंगे। इस तरह से राजा दक्ष का श्राप भी रह गया और चंद्रमा को अपने कष्ट से मुक्ति भी मिली गयी और इस सबके बाद सभी देवताओं ने मिलकर भगवान शिव से प्रार्थना की कि आप यहीं पर निवास करें तभी से भगवान शिव सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से वहीं पर निवास करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि सोमनाथ शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्र देव ने की थी।