काशी की महिमा ऐसी है कि यहां प्राणत्याग करने से जीवन से मुक्ति मिल जाती है। भगवान रूद्र मरते हुए प्राणी के कान में तारक-मंत्र का उपदेश करते हैं, जिसके कारण वह सांसारिक आवागमन से मुक्त हो जाता है, चाहे वह मृत-प्राणी कोई भी क्यों न हो। काशी विश्वनाथ शिवलिंग सबसे पुराने शिवलिंगों में से एक कहा जाता है। यह किसी मनुष्य की पूजा, तपस्या आदि से प्रकट नहीं हुआ, बल्कि यहां निराकार परब्रह्म परमेश्वर ही शिव बनकर विश्वनाथ के रूप में साक्षात् विराजमान है।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग / Kashi Vishwanath Jyotirlinga
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी शहर में स्थित है। गंगा तट स्थित काशी विश्वनाथ शिवलिंग का दर्शन हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र है। सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व बताया गया है। काशी की मान्यता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। क्योकि इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को फिर से उसके स्थान पर पुन: रख देंगे।
Har har mahadev