प्रेम सरोवर बरसाना गाजीपुर मथुरा – एक पावन स्थल
ब्रज भूमि की गोद में बसे मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में ऐसे अनेक तीर्थ स्थल हैं जो श्रीकृष्ण और श्रीराधा की प्रेमलीलाओं के प्रतीक हैं। इन्हीं पावन स्थलों में से एक है प्रेम सरोवर गाजीपुर मथुरा। यह सरोवर भक्तों और पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक शांति और दिव्यता का अनुभव कराने वाला स्थान है।
प्रेम सरोवर का इतिहास
कथाओं के अनुसार, प्रेम सरोवर वह स्थान है जहाँ श्री राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का साक्षात स्वरूप प्रकट हुआ था। मान्यता है कि श्रीकृष्ण और राधारानी के प्रेम के आँसुओं से यह सरोवर निर्मित हुआ। यही कारण है कि इसे “प्रेम सरोवर” कहा जाता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि इस जल के दर्शन और स्पर्श मात्र से मन की अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं और हृदय में भक्ति व प्रेम का संचार होता है।

धार्मिक महत्व
ब्रज क्षेत्र के सभी प्रमुख तीर्थों की तरह प्रेम सरोवर का भी अपना धार्मिक महत्व है।
- यहाँ श्रीकृष्ण और राधारानी की अनेक लीलाओं का उल्लेख मिलता है।
- सरोवर के किनारे बने छोटे मंदिरों और कुंजों में भजन-कीर्तन होते रहते हैं।
- यह स्थल विशेषकर राधाष्टमी, जन्माष्टमी और ब्रज के अन्य पर्वों पर अत्यधिक भीड़ आकर्षित करता है।
स्थल की विशेषताएँ
प्रेम सरोवर एक प्राकृतिक एवं सुंदर जलाशय है, जिसके चारों ओर वृक्षों और कुंजों की हरियाली है।
- यहाँ का शांत वातावरण ध्यान और भजन के लिए उत्तम है।
- जलाशय के चारों ओर पक्के घाट और सीढ़ियाँ बनी हैं ताकि श्रद्धालु जल का स्पर्श कर सकें।
- किनारे-किनारे बैठने के लिए छायादार स्थान बनाए गए हैं।

कैसे पहुँचे प्रेम सरोवर
मथुरा जंक्शन से गाजीपुर गाँव तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- मथुरा से लगभग 15–20 किलोमीटर की दूरी पर यह स्थल स्थित है।
- स्थानीय ई-रिक्शा, टैक्सी और ऑटो से यहाँ पहुँचना सरल है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन – मथुरा जंक्शन।
- नजदीकी बस स्टैंड – मथुरा ISBT।
दर्शन का समय
प्रेम सरोवर पूरे वर्ष खुला रहता है।
- प्रातःकाल से शाम तक यहाँ दर्शन किए जा सकते हैं।
- विशेष अवसरों और त्योहारों पर मंदिर और सरोवर क्षेत्र को आकर्षक रूप से सजाया जाता है।
भक्तों का अनुभव
जो भक्त यहाँ आते हैं उनका मानना है कि प्रेम सरोवर के दर्शन मात्र से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मन की शांति और श्रीराधाकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति उत्पन्न होती है। कई भक्त यहाँ बैठकर जप-ध्यान करते हैं और श्रीराधाकृष्ण की लीलाओं को याद करते हैं।

आसपास के प्रमुख स्थल
प्रेम सरोवर के आसपास कई और भी पवित्र स्थल हैं जिन्हें आप एक साथ देख सकते हैं:
- बरसाना – श्री राधारानी का जन्मस्थान।
- नंदगाँव – श्रीकृष्ण का बाल्यकाल।
- गोवर्धन पर्वत – गिरिराज महाराज की परिक्रमा।
- राधा कुंड और श्याम कुंड।
इन स्थलों का दर्शन करके ब्रज की महिमा का अनुभव कई गुना बढ़ जाता है।
पर्यटन और टिप्स
- सुबह या शाम के समय दर्शन करना सबसे अच्छा रहता है।
- साथ में साफ पानी, टोपी और प्रसाद लेकर जाएँ।
- वातावरण को स्वच्छ रखें, कूड़ा इधर-उधर न फेंकें।
- स्थानीय गाइड से इतिहास और कथाएँ सुनकर अनुभव को और समृद्ध करें।

प्रेम सरोवर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह ब्रज की प्रेममय संस्कृति और राधा-कृष्ण की दिव्यता का जीता-जागता प्रतीक है। यहाँ आने से हर भक्त के हृदय में प्रेम और भक्ति का संचार होता है। यह सरोवर हमें यह संदेश देता है कि जीवन में प्रेम, करुणा और भक्ति ही सर्वोच्च साधन हैं।
अगर आप मथुरा, वृंदावन या बरसाना की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो प्रेम सरोवर गाजीपुर को अपनी यात्रा सूची में अवश्य शामिल करें।