Pili Pokhar Barsana – Itihas, Mahatva aur Darshan Guide

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Pili Pokhar Barsana
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पीली पोखर बरसाना – इतिहास, महत्व और दर्शन की जानकारी

पीली पोखर, ब्रज की पावन भूमि बरसाना में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान है। यह स्थान श्री राधारानी और श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। ब्रज की 84 कोस यात्रा करने वाले भक्तों के लिए पीली पोखर एक अनिवार्य पड़ाव माना जाता है। आइए जानते हैं इस स्थान का इतिहास, धार्मिक महत्व, और यहाँ दर्शन करने का सर्वोत्तम समय।

पीली पोखर का इतिहास: राधा रानी के स्पर्श से पीला हुआ जल

पीली पोखर, जिसे प्रिया कुंड भी कहा जाता है, बरसाना में स्थित है — राधा रानी के जन्मस्थान पर। इस कुंड का नामकरण एक सुंदर लीला से जुड़ा है। मान्यता है कि एक बार राधा रानी के हाथों में हल्दी लगी थी। जब वे बरसाना लौटते समय इस कुंड में अपने हाथ धोने लगीं, तो हल्दी का रंग जल में घुल गया और कुंड का पानी पीला हो गया। तभी से इसे पीली पोखर कहा जाने लगा।

Pili Pokhar Barsana
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कुछ कथाओं में यह भी वर्णित है कि ब्रह्मा जी ने पृथ्वी के निर्माण के समय अपने मानस पुत्रों की इच्छा पर इस कुंड की रचना की थी। हालांकि इसका कोई निश्चित निर्माणकाल ज्ञात नहीं है, लेकिन यह द्वापर युग से राधा-कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ माना जाता है।

पीली पोखर का धार्मिक महत्व

पीली पोखर सिर्फ एक जलाशय नहीं, बल्कि ब्रज भक्तों के लिए अत्यंत श्रद्धा का केंद्र है। यहाँ आकर भक्त भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा के दिव्य प्रेम का अनुभव करते हैं।

  • राधा-कृष्ण की लीलाएं – यह कुंड राधा-कृष्ण की जलक्रीड़ाओं और बाल लीलाओं का प्रमुख स्थल रहा है। स्वामी हरिदास जी जैसे संतों ने इसकी महिमा का वर्णन अपने पदों में किया है।
  • ब्रज संस्कृति का प्रतीक – यह स्थल ब्रजमंडल की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को दर्शाता है। यहां की लोककथाएं, गीत, और भजन इस कुंड की महिमा को उजागर करते हैं।
  • भजन-कीर्तन स्थल – यहाँ प्रतिदिन भक्तजन राधा-कृष्ण के भजन गाते हैं और कीर्तन करते हैं।
  • यात्रियों के लिए विशेष महत्व – जो भी ब्रज चौरासी कोस की यात्रा करता है, उसके लिए पीली पोखर दर्शन आवश्यक माना गया है।
  • व्रत और स्नान – मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से भक्त के सारे पाप धुल जाते हैं और राधा-कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
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दर्शन का समय: कब जाएँ?

यदि आप पीली पोखर आने का मन बना रहे हैं, तो सुबह और शाम का समय सर्वोत्तम माना जाता है।

  • सुबह का समय: प्रातः 5:00 बजे से 11:00 बजे तक
  • शाम का समय: संध्या 4:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक

सर्दियों में समय में थोड़ी फेरबदल हो सकती है।

Pili Pokhar Barsana
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पीली पोखर कैसे पहुँचें?

पीली पोखर बरसाना के मुख्य बाजार से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (लगभग 45 किलोमीटर)
  • निकटतम बस स्टैंड: बरसाना बस स्टैंड (लगभग 1 किलोमीटर)
  • सड़क मार्ग: आप मथुरा या वृंदावन से टैक्सी या ऑटो द्वारा बरसाना आसानी से पहुँच सकते हैं।

बरसाना यात्रा में पीली पोखर का महत्व

बरसाना में श्री राधारानी का जन्म हुआ था, इसलिए यह पूरा नगर राधा रानी का धाम है। यहाँ के मुख्य स्थलों में श्री राधारानी मंदिर (लाड़ली जी मंदिर), मनगढ़, मोरकुटी, दानगढ़, कृष्ण कुंड और पीली पोखर विशेष महत्व रखते हैं।

भक्त यहाँ आकर राधा-कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करते हैं। पीली पोखर के दर्शन के बिना बरसाना की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

अंत में, एक भक्त की भावना

पीली पोखर सिर्फ एक कुंड नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है। यहाँ आकर हर भक्त को लगता है जैसे राधा रानी और श्रीकृष्ण अभी भी यहाँ खेल रहे हों। अगर आप ब्रज यात्रा पर जा रहे हैं, तो पीली पोखर के दर्शन जरूर करें—यहाँ की शांति और भक्ति का अनुभव आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा।

Pili Pokhar Barsana Address and Location with Google Map

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