भजन: तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया
तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया।
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया।।
ओड़ के आई मैं तो लाल चुनारिया ।
मटकी उठा के मैं तो बन गयी गुजरिया ।।
मैं तो कर आई सोला श्रृंगार रसिया ।
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया ।।
तेरे पीछे मैं तो आई अकेली ।
बड़े गोप की नयी नवेली ।।
आई हूँ करने मनोहार रसिया ।
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया ।।
जब से लगी है तेरी लगनवा ।
बिसर गयो मोहे घर आंगनवा ।।
मैं तो छोड़ आई सारा संसार रसिया ।
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया।।
तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया।
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया।।