Sukh Ka Sathi Sab Koi Dukh Ka Na Koi

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Bhajan: Sukh Ka Sathi Sab Koi Dukh Ka Na Koi
Bhajan: Sukh Ka Sathi Sab Koi Dukh Ka Na Koi

भजन: सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई।
मेरे राम, तेरा नाम एक साँचा दूजा ना कोई॥

जीवन आनी जानी छाया, झूठी माया, झूठी काया।
फिर काहे को सारी उमरियाँ, पाप की गठड़ी ढोई॥
सुख के सब साथी…

ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा, ये जग जोगीवाला फेरा।
राजा हो या रंक सभी का, अंत एक सा होई॥
सुख के सब साथी…

बाहर की तू माटी फाँके, मन के भीतर क्यों ना झाँके।
उजले तन पर मान किया, और मन की मैल ना धोई॥

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई॥
मेरे राम, तेरा नाम एक साँचा दूजा ना कोई॥

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