श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Krishna Janmashtami in 2014 is on the Monday, 26th of Aug (8/26/2024).
अग्नि पुराण में लिखा है कि
वर्जनीया प्रयत्नेन सप्तमीसंयुताष्टमी।
विना ऋक्षेण कर्तव्या नवमी संयुताष्टमी।।
अथवा जिस दिन सप्तमी में सूर्योदय हो कर रात को अष्टमी आ रही हो उस दिन भले ही रोहिणी नक्षत्र हो पर उस दिन व्रत नहीं करना चाहिए दूसरे दिन नवमी युक्त अष्टमी को ही व्रत करना चाहिए।
पद्म पुराण में लिखा है कि
पुत्रान् हन्ति पशून् हन्ति हन्ति राष्ट्रं सराजकम्।
हन्ति जातानजातांश्च सप्तमीसहिताष्टमी।।
अष्टमी यदि सप्तमी विद्धा हो और उस में व्रत उपवास करे तो पुत्र पशु राज्य राष्ट्र जात अजात सब को नष्ट कर देती है।
स्कन्द पुराण में लिखा है कि
पलवेधेपि विप्रेन्द्र सप्तम्यामष्टमीं त्यजेत्।
सुरया बिन्दुना स्पृष्टं गंगांभः कलशं यथा।।
जिस प्रकार गंगाजल से भरा हुआ कलश एक बूंद मदिरा से दूषित हो जाता है उसी प्रकार लेश मात्र भी सप्तमी हो तो वह अष्टमी व्रत उपवास के लिए दूषित हो जाती है। इस बार 14 तारीख को पूरे दिन सप्तमी है वैसे भी सभी शास्त्रों की मान्यता है कि तिथि वही सफल होती है जो सूर्योदयी होती है। ऐसे शास्त्रों के सैकड़ों प्रमाण हैं जो यहाँ उद्धृत करना संभव नहीं है इसलिए शुद्ध और शास्त्र संमत जन्माष्टमी 15 तारीख मंगलवार को ही है व्रत उपवास अनुष्ठान पूजा आप इसी दिन करें।
भगवान बालकृष्ण गोपाल जी आप की मनोकामना पूरी करें।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
श्री कृष्णा जन्माष्टमी
कान्हा, कन्हैया, माकन चोर, माधव, केशव, गोपाल जैसे नामों से पुकारे जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिवस, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म का भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। अत: भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी भाग्यशाली हो जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयन्ती अथवा श्री कृष्ण जयन्ती के नाम से भी जाना जाता है।