Brij Chaurasi Kos Parikrama Visheshtayen

0
29
Govardhan Parikrama Marg
Govardhan Parikrama Marg

ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा विशेषताएं

ब्रज चौरासी कोस पूर्ण रूप में श्रीराधाकृष्ण की लीला विहार का सर्वोच्च और सर्वश्रेष्ठ स्थान है। जिसकी प्रदक्षिणा करने में परम सुख प्राप्त होता है। ब्रजमंडल में स्नान, दान, जप, पाठ, आराधना तथा निवास करने पर गोलोक धाम की प्राप्ति होती है। भगवान श्री कृष्ण ने अपने माता-पिता नंद यशोदा के आग्रह पर जगत के समस्त तीर्थों का आवाहन करके चौरासी कोस क्षेत्र के अंदर स्थापित किया। जिनकी संख्या 33 करोड़ मानी जाती है।

ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा करने से अनेकानेक जन्म जन्मांतर के समस्त पाप नष्ट होते हैं और 84 लाख योनि का आवागमन  समाप्त होकर भगवत धाम की प्राप्ति होती है।

Brij Chaurasi Kos Parikrama Visheshtayen
Brij Chaurasi Kos Parikrama Visheshtayen

परम स्नेही भक्तजनों- ब्रजभूमि सच्चिदानंद, परब्रह्म, परमात्मा, परमेश्वर, अखिल ब्रह्माण्ड नायक, प्रत्यक्ष भगवान श्रीराधाकृष्ण की दिव्य लीलास्थली है। यह ब्रज बृंदावन धाम साक्षात गौलोक का अवतरण है।

ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में…

  • 1300 गावों आते है
  • 268 किलोमीटर है परिक्रमा मार्ग
  • 84 कोस में हरियाणा के कुछ गांव भी आते हैं
  • 1100 सरोवर हैं परिक्रमा मार्ग में
  • 16 देवियां विद्यमान हैं ब्रज में
  • 36 वन-उपवन पहाड़ पड़ते हैं

कृष्ण की लीलाओं के साक्षी और उनसे जुड़े प्रमुख सरोवर दर्शन –

सूरज सरोवर, कुसुम सरोवर, विमल सरोवर, चंद्र सरोवर, रूप सरोवर, पान सरोवर, मान सरोवर, प्रेम सरोवर, नारायण सरोवर, नयन सरोवर आदि हैं।

परिक्रमार्थी इन सरोवरों के दर्शन करने के साथ ही आचमन लेकर और इनमें स्नान कर स्वयं को धन्य मानते हैं।

Manasi Ganga Goverdhan

यहां विद्यमान हैं 16 देवियां

कात्यायनी देवी, शीतला देवी, संकेत देवी, ददिहारी, सरस्वती देवी, वृंदा देवी, वन देवी, विमला देवी, पोतरा देवी, नरी सैमरी देवी, सांचौली देवी, नौवारी देवी, योगमाया देवी, मनसा देवी, बंदी की आनंदी देवी।

Mata Nari Semri Ji Darshan Nari Semri Goan Mathura
Mata Nari Semri Ji Darshan Nari Semri Goan Mathura

प्रमुख महादेव मंदिर

भूतेश्वर महादेव, केदारनाथ, आशेश्वर महादेव, चकलेश्वर महादेव, रंगेश्वर महादेव, नंदीश्वर महादेव, पिपलेश्वर महादेव, रामेश्वर महादेव, गोकुलेश्वर महादेव, चिंतेश्वर महादेव, गोपेश्वर महादेव, गोकर्ण महादेव।

Shri Bhuteshwar Mahadev Temple Mathura
Shri Bhuteshwar Mahadev Temple Mathura

जो भी व्यक्ति इस ब्रजमंडल में एक पल भी निवास कर लेता है, वह अत्यंत भाग्यशाली होता है।

कोटी कल्प काशी बसे, अयोध्या कल्प हजार।
एक निमिस ब्रज में बसे, बड़भागी कृष्णदास।।

ईश्वर के सच्चे भक्त जैसे बृजवासी आदि जब भगवान की भक्ति में पूर्ण रुप से रमे हुए होते हैं और मांगने की बात आती है तो केवल यही मांगते हैं इसके अलावा कुछ और नहीं –

श्री गिरिराज वास में पाऊं, ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
विचरू में लता पतन में, गिरिराज तलहटी बन में।
आन्यौर जतीपुरा जन में, राधा कुंड गोवर्धन में।
कुंडन में करूं स्नान, करूं जलपान, परयों रहूं रज में।
दीजो प्रभु बारंबार, जनम या ब्रज में।
जो कछु मिले प्रसाद पायके, गोविंद के गुण गाऊ।।
ब्रज तज बैकुंठ न जाऊं, श्री गिरिराज  ……

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here