बाल्मीकि जी के अनुसार हनुमान जी के पास हर रोग का इलाज हैं
सब लोग कहते हैं की हमने हनुमान जी से बहुत पूजा की हमने हनुमान जी से यह माँगा नही लेकिन नही मिला। बाल्मीकि जी के अनुसार हनुमान जी के पास हर रोग का इलाज हैं। लेकिन मांगने वाले अपनी समस्या का समाधान मांगते न की वह मांगते जो हनुमान जी के पास हैं। जिससे विश्व का कल्याण हो जाये वह नही मांगते तुलसी दास जी भी लिखे हैं।
राम रसायन तुमरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
यानि राम रूपी औसधि हैं हनुमान जी के पास उसे औसधि को छोड़ सब मांगते हैं।
बाल्मीकि रामायण में राम रावण युद्ध का एक प्रसंग हैं।
ब्रह्मा जी बार 2 प्रभु श्री राम से कुछ मदद लेने को कहते थे लेकिन रामचन्द्र जी मना कर देते थे । रावण वध के बाद ब्रह्मा जी बोले प्रभु आपने हमारा अनुरोध नही स्वीकारा हमे बड़ी उपेक्षा महसूस हुवा । रामचन्द्र जी ने कहा की आप युद्ध में मरे सैनिको पर अमृत वर्षा कर दीजिये । ब्रह्मा जी आश्चर्य में पड़ गए । बोले प्रभु सब राक्षस वापस जी जायेगे । रामचन्द्र जी ने कहा की आप मदद देने की बात करते हैं और जब मदद मांगता हूँ तो देते नही हो । ब्रह्मा जी ने सभी सैनिको पर अमृत की वर्षा किये पर आश्चर्य यह की सिर्फ बानर सेना जीवित हुई राक्षस नही अब तो सब देवता हैरान थे की भगवान और भेदभाव क्यू ।
श्री राम चन्द्र जी ने कहा
सन्मुख होइ जीव मोहि जबहि
जन्म कोटि अघ नासहिं तबही
हे ब्रह्मा जी बानर सेना युद्ध भूमि में मरते वक़्त भगवान के आस में अपना मुँह ऊपर रखी और राक्षस सेना शर्म से मुह जमीन की तरफ इसलिए जिनका मुह ऊपर था उन्हें अमृत मिला और जो मुझसे विमुख था उसके पास अमृत जाने के बाद भी उसका भला नही हुवा । इसी तरह जो भक्त हनुमान जी से राम भक्ति मांगता हैं उसे संसार के बन्धन से मुक्ति मिल जाती पर जो समस्या का समाधान मांगता वह जमीन पर पड़े राक्षस की तरह होता हैं जो अमृत वर्षा का लाभ भी नही उठा पाता ।
जय श्री राम जय बजरँग बलि
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः