Tote Ki Chonch Se Seekh

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Tote Ki Chonch Se Seekh
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तोते की चोंच से सीख

पट्टू तोता बड़ा उदास बैठा था. माँ ने पुछा, क्या हुआ बेटा तुम इतने उदास क्यों हो? पट्टू लगभग रोते हुए बोला – मैं अपनी इस अटपटी चोंच से नफरत करता हूँ..!! माँ ने समझाने की कोशिश की तुम अपनी चोंच से नफरत क्यों करते हो..?? इतनी सुन्दर तो है..! पट्टू उदास बैठ गया. नहीं, बाकी सभी पक्षियों की चोंच कहीं अच्छी है. बिरजू बाज, कालू कौवा, कल्कि कोयल, सभी की चोंच मुझसे अच्छी है. पर मैं ऐसा क्यों हूँ…?? माँ कुछ देर शांति से बैठ गयी, उसे भी लगा कि शायद पट्टू सही कह रहा है, पट्टू को समझाएं तो कैसे। तभी उसे सूझा कि क्यों ना पट्टू को ज्ञानी काका के पास भेजा जाए, जो पूरे जंगल में सबसे समझदार तोते के रूप में जाने जाते थे।

माँ ने तुरंत ही पट्टू को काका के पास भेज दिया। ज्ञानी काका जंगल के बीचो -बीच एक बहुत पुराने पेड़ की शाखा पर रहते थे। पट्टू उनके समक्ष जाकर बैठ गया और पूछा, काका, मेरी एक समस्या है! काका बोले, प्यारे बच्चे तुम्हे क्या दिक्कत है, बताओ मुझे. पट्टू बताने लगा, मुझे मेरी चोंच पसंद नहीं है, ये कितनी अटपटी सी लगती है। बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती. वहीँ मेरे दोस्त, बिरजू बाज, कालू कौवा, कल्कि कोयल सभी की चोंच किनती सुन्दर है! काका बोले, सो तो है, उनकी चोंचें तो अच्छी हैं. खैर ! तुम ये बताओ कि क्या तुम्हे खाने में केचुए और कीड़े -मकौड़े पसंद हैं…? पट्टू ने झट से जवाब दिया, छी ऐसी बेकार चीजें तो मैं कभी न खाऊं. काका ने पूछा अच्छा छोड़ो, क्या तुम्हे मछलियाँ खिलाईं जाएं ? या फिर तुम्हे खरगोश और चूहे परोसे जाएं.

पट्टू नाराज़ होते हुए बोला .. वैक्क्क…. काका कैसी बातें कर रहे हैं आप ? मैं एक तोता हूँ मैं ये सब खाने के लिए नहीं बना हूँ. काका बोले, बिलकुल सही यही तो मैं तुम्हे समझाना चाहता था. ईश्वर ने तुम्हे कुछ अलग तरीके से बनाया है, जो तुम पसंद करते हो, वो तुम्हारे दोस्तों को पसंद नहीं आएगा, और जो तुम्हारे दोस्त पसंद करते हैं वो तुम्हे नहीं भायेगा। सोचो अगर तुम्हारी चोंच जैसी है वैसी नहीं होती तो क्या तुम अपनी फेवरेट ब्राजीलियन अखरोट खा पाते, नहीं न..!!

इसलिए अपना जीवन ये सोचने में ना लगाओ कि दुसरे के पास क्या है – क्या नहीं ,

बस ये जानो कि तुम जिन गुणों के साथ पैदा हुए हो उसका सर्वश्रेष्ठ उपयोग कैसे किया जा सकता है और उसे अधिक से अधिक कैसे विकसित किया जा सकता है!

श्री द्वारिकेशो जयते।

बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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