श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारि हे नाथ नारायण वासुदेवा

एक बच्चा फटे पुराने जूतों के साथ प्लास्टिक की गेंद से खेल रहा था। मैंने बाज़ार से नया जूते का pair ख़रीदा और उसे देते हुए कहा “बेटा लो, ये जूता पहन लो”। लड़के ने फ़ौरन जूते निकाले और पहन लिए,उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठा था। वो मेरी तरफ़ पल्टा और मेरा हाथ थाम कर पूछा “आप कृष्णा भगवान हैं ? मैंने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा “नहीं बेटा, नहीं। मैं कृष्णा नहीं।” लड़का फिर मुस्कराया और कहा “तो फिर ज़रूर भगवान के दोस्त होंगे, क्योंकि मैंने कल रात कृष्णा से कहा था कि मुझे नऐ जूते देदें।”

अब मैं मुस्कुरा दिया और उसके माथे को प्यार से चूमकर अपने घर की तरफ़ चल पड़ा। अब मैं भी जान चुका था कि कृष्णा का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं ।!!

जय श्री श्याम
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः