Savan Ke Maheene Mein Kyon Karate Hain Mahaadev Ke Pooja

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Shiva Linga
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सावन के महीने में क्यों करते हैं महादेव के पूजा

कहते हैं कि सावन का महीना देवों के देव महादेव को बहुत प्रिय है। इस माह में शिव जी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करते हैं। इस माह में भगवान श‍वि की पूजा बहुत अहम मानी जाती है। मान्यता है कि सावन के माह में ही समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला, उससे पूरा संसार नष्ट हो जाता, लेकिन भगवान श‍विजी ने उस विष को अपने कंठ में धारण किया और सृष्ट‍ि की रक्षा की। इस घटनाक्रम के बाद ही भगवान श‍वि का वर्ण नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ भी कहा गया। कहते हैं कि शिव ने जब विष पिया तब उनके शारीर में अत्याधिक गर्मी होने लगी, तो उसके असर को कम करने के लिए देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था।

इसी कारण से सावन में भगवान श‍वि को जल चढ़ाया जाता है। सावन के महीने में भगवान विष्णु जी योगनिद्रा में चले जाते हैं। सृष्टि के संचालन का सारा काम शिव जी देखते हैं। इसलिए ये माह भगवान शिव के भक्तों के लिए अहम माना जाता है। इसी कारण से भगवान शि‍व को सावन के प्रधान देवता के रूप में पूजा जाता है। इस माह में भगवान शिव जी पृथ्वी पर अवतरित हुए और अपनी ससुराल पहुंचे थे। ससुराल में भगवान शि‍व का स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। यही कारण है कि सावन माह में श‍वि को अर्घ्य और जलाभिषेक किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, हर साल श‍वि सावन में अपने ससुराल जाते हैं। यानी यही वह समय है, जब वे पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के आसपास होते हैं और वे उनकी कृपा पा सकते हैं।

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