Sabako Deti Hai Meeya, Apane Kahazaane Se

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Bhajan: Sabako Deti Hai Meeya, Apane Kahazaane Se
Bhajan: Sabako Deti Hai Meeya, Apane Kahazaane Se

भजन: सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से

सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से
किसी को किसी बहाने से

डूब रही बनिए की नईया, रो रो मात पुकारे
धन दौलत परिवार भवानी, सब हैं तेरे सहारे
बनिए की नईया को दाती, पल में पार लगाया,
पहुँच किनारे बनिए ने फिर, यह जैकारा लगाया,
शेरांवाली माता तेरी सदा ही जय, ज्योतांवाली माता तेरी सदा ही जय,
मुक्ति मिल जाती है दर पे, शीश झुकाने से
किसी को किसी बहाने से…..

भरी सभा में बोले अकबर, सुनो हे भक्त ध्यानू
इस घोड़े को जिन्दा कर दो, तब मैं माँ को मानू
सुन पुकार ध्यानू की माँ ने, जिन्दा कर दिया घोडा,
हाथ जोड़कर भक्त ने फिर, माँ का जैकारा छोड़ा,
सब कुछ मिल जाता है माँ संग, लो लगाने से
सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से
किसी को किसी बहाने से……

सुन पुकार नरसी कीभगवन, दौड़े दौड़े आए
देख के हालत दीन हीन की, प्रभु भी थे घबराए,
हुण्डी तारी भक्त की भगवन, ऐसी कला रचाई,
नरसी भक्त के मन से फिर, आवाज यही थी आई,
पूछना है तो पुछलो तुम, चंचल दीवाने से,
सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से,
किसी को किसी बहाने से……

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