Peepal Ke Vrksh Kee Atyant Mahatv Kyon

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Shri Dwarkadhish Maharaj Dev Uthani Ekadashi Darshan
Shri Dwarkadhish Maharaj Dev Uthani Ekadashi Darshan

पीपल के वृक्ष की अत्यंत महत्ता क्यों

सनातन धर्म मे पीपल के वृक्ष की अत्यंत महत्ता मानी गई है। पीपल की पूजा का महत्व अधि‍क होने के पीछे कई कारण हैं। आध्यात्मि‍क रूप से देखें, तो इसे वृक्षों मे सबसे अधिक पवित्र माना गया है। साथ ही पर्यावरण मित्र की भूमिका भी निभाता है। पीपल मे पित्रों का वास भी माना गया है। गीता मे भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं

‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम् ‘
अर्थात ‘ समस्त वृक्षों मे मैं पीपल हूं ‘

ऐसा कहकर उन्होंने इस वृक्ष की महिमा स्वयं ही कह दी। पुराणों के अनुसार पीपल की जड़ मे विष्णु, तने मे केशव, शाखाओं मे नारायण, पत्तों मे भगवान हरि और फल मे सभी देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं। इसे साक्षात् विष्णु स्वरूप माना गया है।

मान्यता है कि पीपल की पूजा करने से आयु लंबी होती है तथा जो व्यक्ति पीपल को पानी देता है, वह समस्त पापों से मुक्त होकर स्वर्ग प्राप्त करता है।

अमावस्या के दिन करने वाले उपाय – ( यह उपाय सर्वपितृ अमावस्या के दिन अवश्य करना चाहिए )

पहला उपाय

पितृदोष दूर करने के लिए यह पूजा विधान अवश्य करें।

सोमवती अमावस्या को ( जिस अमावस्या को सोमवार हो ) पास ही स्थित किसी पीपल के पेड़ के पास जाइये और उस पेड़ को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये। पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये, फिर उस पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा कीजिये। हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई (जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो) पीपल को अर्पित कीजिये, मिठाई न हो तो बतासे भी उपयोग मे लाये जा सकते हैं।

परिक्रमा करते समय ‘ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ‘ मंत्र का जप करते रहिये।

परिक्रमा पूरी करने के बाद पुनः पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये। उनसे जाने-अनजाने मे हुए अपराधों के लिए क्षमा मांग लीजिए। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी ही उत्तम फ़लों की प्राप्ति होने लगती है।

दूसरा उपाय

कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लड्डू हर शनिवार को दीजिए। सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करें,
प्रातः सूर्य नारायण को अर्घ्य दें ,
और ॐ का मानसिक जप करें …
इनके करने से दरिद्रता का नाश होता है।
प्रत्येक अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं, और अच्छी आत्माएं घर मे जन्मती हैं। दीपावली पर विशेष रूप से दीपक जलायें।

बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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