Omkareshwar Mamleshwar Jyotirling

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Omkareshwar Mamleshwar Jyotirling
Omkareshwar Mamleshwar Jyotirling

ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, वहाँ पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी के बहने से यहां ऊं का आकार बनता है। ऊं शब्द की उत्पति भगवान ब्रह्मा जी के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊं के साथ किया जाता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ॐकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से पुकारा जाता है।

Omkareshwar Temple
Omkareshwar Temple

यह भी कहा जाता है कि जब वराह कल्प में जब सारी पृथ्वी जल में मग्न हो गई थी तो उस वक्त भी मार्केंडेय ऋषि का आश्रम जल से अछूता था। यह आश्रम नर्मदा के तट पर ओंकारेश्वर में स्थित है। ओंकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः हुआ है। शास्त्र मान्यता है कि कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले, किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर महादेव आकर किए गए तीर्थों का जल लाकर यहां नहीं चढ़ाता, तब तक उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं।

Omkareshwar Jyotirling
Omkareshwar Jyotirling

ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या, देवताओं और ऋषियों ने भगवान शिव से प्रार्थना की थी कि वे विंध्य क्षेत्र में स्थिर होकर निवास करें। भगवान शिवजी ने बात मान ली, वहां स्थित एक ही ओंकारलिंग दो स्वरूपों में विभक्त हो गया। प्रणव के अंतर्गत जो सदाशिव विद्यमान हुए, उन्हें ओंकार नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार से पार्थिवमूर्ति में जो ज्योति प्रतिष्ठित हुई थी, उसे ही परमेश्वर अथवा अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं।

Omkareshwar Mamleshwar Jyotirling
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Omkareshwar Mamleshwar Jyotirling Temple Location

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