श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग बड़ौदा में गोमती द्वारका से बारह-तेरह मील की दूरी स्थित है। धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव जी का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्रों में बड़ी महिमा बताई गई है।

श्री नागेश्वर शिवलिंग की स्थापना के संबंध में कथा इस प्रकार है कि एक धर्मात्मा, सदाचारी और शिव जी का अनन्य भक्त था, उसका नाम सुप्रिय था। एक समय वह नौका में पर सवार होकर समुद्र मार्ग से कहीं जा रहा था, उस समय दारूक नामक एक भंयकर राक्षस ने उसकी नौका पर आक्रमण कर दिया, सुप्रिय सहित नौका में सवार सभी लोगो को बंदी बना लिया। पर सुप्रिय ने बंदी गृह में भी भगवान शिव भक्ति नहीं छोड़ी और भोलेनाथ ने वहां ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए और सुप्रिय को अपना एक पाशुपतास्त्र दिया। उस अस्त्र की सहयता से सुप्रिय ने राक्षसों का अंत किया और अंत में वह शिवलोक को प्राप्त हुआ।

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

Nageshvara Jyotirlinga Temple Location

Jyotirlinga Temples of Lord Shiva | Popular Shiva Temples in India

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