मृत्यु टाले न टले
भगवान श्री विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर आये। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर स्वयं, भगवान शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ जी मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक छोटी सी चिड़िया पर गयी। छोटी सी चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ जी के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे। उसी समय कैलाश पर यम देव भी पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य भरी द्रष्टि से देखा।
गरुड़ जी समझ गए की उस चिड़िया का अंत अब निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उस चिड़िया को अपने साथ यमलोक ले जाएँगे। गरूड़ जी को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकता। उस चिड़िया को अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद बापिस फिर से कैलाश पर आ गये।
जब यम बाहर आए तो गरुड़ जी ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले “गरुड़ जी जब मैंने उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। इस पर मैं सोच रहा था
कि वो इतनी जलदी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी होगी। गरुड़ जी समझ गये की “मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए।”
जीवन के 6 सत्य
- कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं.. - कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि…श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते…. - आप कितने भी लम्बे क्यों न हों , मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते….
- कोई फर्क नहीं पड़ता कि , आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है
क्योंकि…अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है… - कोई फर्क नहीं पड़ता कि ” आप ” नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्यूंकि …” आप ” पर हंसने के लिए दुनिया खड़ी है ? - कोई फर्क नहीं पड़ता कि ,आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि…घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा…
इसलिए संभल के चलिए … ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसते काटिये , आनंद आएगा ।।
जय श्री कृष्ण