Mahamrityunjay Mantra Karane Se Pahale In Baton Ka Rakhen Dhyaan

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Bhagwan Shri Chintaharan Mahadev Ji Darshan Temple Mathura
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महामृत्युंजय मंत्र करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूः भुवः स्वः।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥
स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ ॥

शिव के महामृत्युंजय स्वरूप की उपासना दु:ख, रोग और संकट दूर करने में बहुत शुभ मानी गई है। शास्त्रों में इस मंत्र के अलग-अलग रूप में उच्चारण से ज़िंदगी से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने का उपाय बताया गया है।साधारणत: यह देखा जाता है कि कोई व्यक्ति पीड़ा दूर करने के लिए किसी विद्वान से महामृत्युंजय जप का उपाय जान तो लेते हैं, किंतु इस मंत्र जप की मर्यादाओं और नियमों को जानकारी के अभाव में अनदेखा कर देते हैं।

जबकि शास्त्रों में बताया गया है कि किसी भी मंत्र शक्ति के पूरे लाभ और असर के लिए उसे नियम से करना बहुत जरूरी है। इसलिए यहां जानिए इस अचूक मंत्र जप के समय किन बातों का पालन जरूरी है

  • मंत्र जप के वक्त पूर्व दिशा की ओर चेहरा करके बैठें।
  • जप कुश के आसन पर बैठकर करना श्रेष्ठ होता है।
  • मंत्र जप में रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
  • जप करते वक्त शिवलिंग, शिव की मूर्ति, फोटो या महामृत्युञ्जय यंत्र सामने रखें।
  • जप काल में घी का दीप और सुगंधित धूप जलाएं।
  • मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध हो।ब्रजवासी।

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