Shree Mahaganpati Ganpati Temple Ranjangaon

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Shri Mahaganapati Darshan
Shri Mahaganapati Darshan

श्री महागणपति गणपति मंदिर रांजणगांव

भगवान श्री गणेश जी के सभी आठ प्रमुख मंदिरों में से एक महागणपति जी का मंदिर भी है। यह मंदिर पुणे के रांजणगांव में स्थित है। श्री महागणपति जी का मंदिर पुणे अहमदनगर राजमार्ग पर 50 किलोमीटर की दूरी पर है। महागणपति जी मंदिर का इतिहास 9वीं व 10वीं सदी के बीच का जाना जाता है। महागणपति जी के मंदिर का प्रवेश द्वार कि बहुत विशाल और सुन्दर है। भगवान श्री गणपति की मूर्ति को माहोतक नाम से भी जाना जाता है क्योंकि भगवान श्री गणपति जी की मूर्ति के 10 सूंड़ और 20 हाथ हैं।

Shree Mahaganapati Temple
Shree Mahaganapati Temple

प्रचलित मान्यता है कि मंदिर की मूल मूर्ति तहखाने में की छिपी हुई है। जब मुगलों ने आक्रमण किया था तो उन लोगो से मूर्ति बचाने के लिए उसे तहखाने में छिपा दिया गया था। जब शिव जी ने त्रिपुरासुर के साथ युद्ध करने से पूर्व गणेश जी की पूजा की थी तत्पश्चात मंदिर का निर्माण करवाया। शुरुआत इस स्थान को मणिपुर के नाम से जाना जाता था पर आज इसे लोग रांजणगांव कहते हैं।

Shree Mahaganapati Temple
Shree Mahaganapati Temple

महागणपति मंदिर को त्रिपुरारी महागणपति के रूप में भी जाना जाता है। क्योकि भगवान शिव जी ने दैत्यराज त्रिपुरासुर को गणेश जी की पूजा करने के बाद ही पराजित किया था। इसलिए मंदिर में विराजित इनका स्वरूप हथियारों से सुसज्जित है। इस मूर्ति में महागणपति जी को आठ ,दश या बारह हथियारों के साथ में दिखाया गया है।

Shree Mahaganapati Temple Main Gate
Shree Mahaganapati Temple Main Gate

यह आठवां गणपति यानी आठवां अष्टविनायक मंदिर है। गणेश जी की प्रतिमा बैठे आसन में दिखाई देती हैं और उनके ईर्द-गिर्द रिद्धी-सिद्धी की प्रतिमाएं हैं। महागणपति मंदिर पूर्वमुखी है। भव्य प्रवेश द्वार पर दो द्वारपाल जय और विजय है। जिनकी प्रतिमाएं मुख्य द्वार पर स्थित हैं। सूरज की पहली किरण सर्वप्रथम महागणपति जी की प्रतिमा पर पड़ती है। श्री अष्टविनायक गणपति स्वरूपों में महागणपति गणेश जी का सबसे शक्तिशाली स्वरूप है।

Shree Mahaganapati Temple
Shree Mahaganapati Temple

महागणपति कथा

कथा के अनुसार त्रिपुरासुर नामक एक दानव ने शिव के वरदान से तीन शक्तिशाली क़िलों का निर्माण किया था, जिससे वह स्वर्ग में और पृथ्वी पर सभी प्राणियों को कष्ट पंहुचा था। भगवान शिव ने भक्तों की प्रार्थना सुनने के बाद दानव का नाश करना चाहा, किंतु वे असफल रहे। इस पर नारदमुनी की सलाह पर शिवजी ने गणेश जी को नमन किया और तीनों क़िलों को मध्यम से छेदते हुए एक एकल तीर से भेद दिया। इन्ही शिव का मंदिर पास ही भीमाशंकरम में स्थित है।

Mahaganpati Ganpati Temple Ranjangaon Address and Location with Google Map

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