Mahaadev Ke Kotavaal Hain Bhairavanaath

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Bhuteswar Maharaj Temple Mathura
Bhuteswar Maharaj Temple Mathura

महादेव के कोतवाल हैं भैरवनाथ

बाबा विश्वनाथ देवाधिदेव महादेव हैं, तो भैरवनाथ उनके सबसे प्रिय अनुचर हैं। जो असंख्य शिवभक्तों और गणों की व्यवस्था संभालते हैं। बिना उनके अनुग्रह के कोई महादेव के पास भी नहीं पहुंच सकता। भैरव बाबा ही भोलेनाथ की प्रिय काशी नगरी के कोतवाल की व्यवस्था संभालते हैं। काशी में भैरवनाथ के दर्शन किए बिना बाबा विश्वनाथ के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। भैरवनाथ भगवान शिव के प्रथम गण हैं। उन्हें प्रमथेश भी कहते हैं। बाबा भैरवनाथ के दर्शनमात्र से संपूर्ण दुखों से मुक्ति मिल जाती है। ग्रहबाधा समाप्त हो जाती है, भूतप्रेतादि उत्पात शांत हो जाते हैं और वंश की वृद्धि होती है।

भगवान भैरव की उपासना केवल भारत ही नहीं विश्व के कई हिस्सों में अलग अलग नामों से की जाती है। तिब्बत, बर्मा, थाईलैण्ड से लेकर सुदूर अफ्रीका और उत्तर अमेरिका के आदिवासी कबीलों में भी भगवान भैरव की प्रतिमाएं मिलती हैं। वहां के लोग अपनी परंपराओं के मुताबिक उनकी पूजा करते हैं।

श्रद्धालु भगवान भैरव को घी, गुड़ से बने आटे का रोट चढ़ाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें देसी शराब का भोग भी चढ़ाया जाता है।

ऊँ भैरवाय नम:
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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