Maa Gayatri Tapobhumi Temple Mathura

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Maa Gayatri Tapobhumi Temple Mathura
Maa Gayatri Tapobhumi Temple Mathura

माँ गायत्री तपोभूमि

भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि, महर्षि दुर्वासा तथा महर्षि अंगिरा की तपस्थली में वृंदावन मार्ग, मथुरा पर गायत्री तपोभूमि स्थित है। वेदमूर्ति पंडित श्री राम आचार्य ने 30.05.1953 से 22.06.1953 तक उपवास (मात्र गंगाजल लेकर) किया तथा वेदमाता, देवमाता, विश्वमाता गायत्री की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा की । यह विश्व का प्रथम गायत्री मंदिर है।

स्थापना के समय यही अनेक साधको द्वारा 24 लाख गायत्री मंत्र का जप, सवा लाख गायत्री चालीसा का पाठ, यजुर्वेद, गीता, रामायण का पाठ, गायत्री सहस्त्रनाम, गायत्री कवच, दुर्गा सप्तशती का पाठ, महामृत्युजय मंत्र का जप अदि महान कार्यो का संपादन अनन्य भाव से हुआ।

संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी ने 24-24 लाख गायत्री मंत्र जप के 24 महापुराण संपन्न किये थे। और अपनी कठोर तप साधना से इस पुण्य भूमि के संस्कारों को पुनः जाग्रत किया।

गायत्री माता एवं भगवान महाकालेश्वर के दर्शन प्रातः 5.30 से रात्रि 9 तक अनवरत।

देश भर के 24 तीर्थों के जल-रज एवं हस्तलिखित 2400 करोड़ गायत्री मंत्र स्थापित।  यज्ञशाला में हिमालय के सिद्धयोगी की धूनी की साढ़े सात सौ वर्ष पुरानी अखंड अग्नि वर्ष 1953 से सतत सक्रिय है। यही 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ जून 1953 में प्रथम बार साधको को गायत्री मंत्र की दीछा दी।

वसंत पंचमी 1955 से 15 माह तक निरन्तर यहाँ की यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ के साथ-साथ विशेष सरस्वती यज्ञ, रुद्र यज्ञ, महामृत्युंजय यज्ञ, विष्णु यज्ञ, शतचंडी यज्ञ, नवग्रह यज्ञ, चारो वेदों के मंत्र यज्ञ आदि यज्ञ 1-1 माह तक होते रहे।

इनकी पूर्णाहुति 1956 के चेत्र नवरात्र के अवसर पर पाच दिवसीय 108 कुण्डीय नरमेघ यज्ञ में हुई। इस अवसर पर पांच-छह हजार व्यक्तियों द्वारा 125 लाख अहुतिया दी गई तथा लोक मगल के लिए जीवन दानियों की श्रंखला प्रारंभ हुई।

23.11.1958 से 26.11.1958 तक इस युग के महानतम सहस्त्रकुण्डीय गायत्री महायज्ञा का संपादन हुआ। जिसमें 24 लाख व्यक्तियों ने भाग लिया।

1971 में पुरे भारत वर्ष में 5 सहस्त्र कुंडीय यज्ञ बहराइच, महासमुंद्र, पोरबंदर, भीलवाडा, टाटानगर में संपन्न हुए, जिनका संचालन इसी सिद्धपीठ द्वारा किया जाता है।

पूज्य गुरुदेव 20 जून 1971 को मथुरा छोड़कर शांतिकुंज हरिद्वार गए। उनकी प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में यहाँ के कार्यकर्ताओं द्वारा युगांतर चेतना को जन जन तक पहुचाने हेतु अनेक कार्यक्रम निरंतर चलये जा रहे है।

सभी के लिए निशुल्क यज्ञ व्यवस्था ( स्वच्छता एवं धोती अनिवार्य है )

सभी पर्व-त्योहारों को प्रेरणाप्रद ढंग से मनाया जाता है।

साधकों द्वारा विश्व कल्याण नित्य गायत्री साधना।

जिस कक्ष में पूज्य गुरुदेव लोगो से मिला करते थे। अब उसे साधना स्थली में परिवर्तित कर दिया गया है।

Maa Gayatri Tapobhumi Temple Mathura Address and Location with Google Map

10 COMMENTS

  1. मैं और मेरा परिवार यानी हम दो और हमारे दो जून मैं माँ की सेवा के लिए आना चाहते हैं क्या रुकने के लिए कमरा मिल जायेगा।

  2. Hum 4 families gayatri pariwar se jyana chahat hai.meri patni gayatri pariwar se Judi hai.hum 14 june 16 june matra aa rahe hai.hamare 18 logo ki gayatri shakti Perth mi rahenge ki evadha ho sakti hai ?

  3. 31 March को मेरे बेटे का जन्म दिवस है मेरी इच्छा है इस वर्ष जन्म दिवस माँ गायत्री तपोभुमी मथुरा में मनाई जाए । ऐसे मेरे बेटे के सारे संस्कार शांति कुंज हरिद्वार में हुआ है कृपा मुझे बताऐ वहाँ रहने की व्यवस्था है

  4. Mai or mera pariwar 5 members 23/10/19 Ko ana chahte hai kya 3 days ke liye thaharne ka room milsakta hai Mai v Gayatri Pariwar se hu

  5. I want to enquire whether bhagwat katha can be done in gayatri Shkati Peeth. If yes what will be the total cost:
    1. Katha
    2. Dakshina to Pandits
    3. Room Charges (10 Rooms)
    4. Food charges (Break fast, Lunch Dinner)
    5. Prasad preparation
    6. Pooja related material for 9 days
    7. Any auxiliary cost

    We want to request for Bhagwat Katha in the month of October, 2023.
    Thanks
    D Badola

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