Lala Lo Laee Banaay Diya Barasaane Kee Gopinani Ne

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Lathmar Holi at Nandgaon
Lathmar Holi at Nandgaon

लला को लली बनाय दियौ बरसाने की गोपिननि ने

लला को लली बनाय दियौ
बरसाने की गोपिननि ने।

इतते आई रही गोपिननि
उतते सावँरिया गोप सखा संग
जबर पकरि बैठायौ लियौ
बरसाने की गोपिननि ने।

खींच पीताम्बर, चूँदरी ओढ़ाई
बिंदी कजरा माँग सिंदूर, नकबेसर पहराई
चूड़ियाँ कंगना पायल बिछिया
घाघरा कमर में घाल दियौ
बरसाने की गोपिननि ने।

इत फुदकें, उत फुदकें सावँरिया
बच निकरन को फड़कै सावँरिया
छीन मुरलिया, सिर मटकी धरि दई
जौबना औरि निखार दियौ
बरसाने की गोपिननि ने।

इब लखि लखि सखा भी हँसते डोलैं
ओट लै वृक्षन कुँजन की छिपते डोलैं
इत इक इक सखा को ढूँढैं गोपिननि
उत भोली राधिका नटखट कन्हाई भगायै दियौ
बरसाने की गोपिननि ने।

लला की लली बनायै दियौ
बरसाने की बरसाने की गोपिननि ने।

बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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