भजन: कोई कहे गोविन्द कोई गोपाला
कोई कहे गोविन्द कोई गोपाला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला।
राधा ने श्याम कहा मीरा ने गिरधर ।
कृष्णा ने कृष्ण कहा कुब्जा ने नटवर ॥
ग्वालो ने तुमको पुकारा गोपाला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला॥
मैया तो कहती है तुमको कन्हैया।
घनश्याम कहते है बलराम भैया॥
सूरा की अँखौ के तुम हो उजाला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला॥
भीष्म जी के बनबारी अर्जुन के मोहन।
छलिया ही कह के बुलाये दुर्योधन ॥
कंसा तो कहता है जलकर के काला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला॥
अच्युत युधिष्ठिर के ऊधो के माधव।
भक्तों के भगवान संतो के केशव ॥
संत सभी भजते है कहकर कृपाला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला॥
कोई कहे गोविन्द कोई गोपाला।
मैं तो कहु सावरिया बासुरियाँ वाला॥