हिंदू मुस्लिम भाईचारे का मिसाल है यह हनुमान मंदिर
शाम की नमाज़ के बाद घंटियों की गूंज। ढोल, हार्मोनियम और मज़ीरे के मधुर धुनों पर सजते भजन। दिल को सुकून देने वाला माहौल, जिसमें न तो कभी मज़हब ही बाधा बनी और न धर्म। नेकी और अमन का पैगाम देते भक्त। यह वाक़या है, गुजरात के इस हनुमान मंदिर का, जहां हिंदू-मुसलमान की एकता की बेजोड़ मिसाल देखने को मिलती है। यह मंदिर स्थित है वडोदरा के तरसाली में।
यहां आने वाले मुसलमान भक्तों को हनुमान चालीसा कंठस्थ याद है। यही नहीं, शाम की नमाज़ के बाद मुसलमान भक्त अपने साथियों के साथ इस हनुमान मंदिर में आते हैं और भजन गाते हैं। यह दृश्य सांप्रदायिक सद्भाव का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है। हनुमान जयंती के दिन हिंदुओं के साथ मुसलमान भी इस उत्सव में बढ़-चढ कर हिस्सा लेते हैं। तरसाली के लोगों के लिए सांप्रदायिक सद्भाव जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है।
इसलिए जब मुसलमान नमाज के बाद हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो किसी को इससे आपत्ति नहीं होती। यहां हनुमान मंदिर के द्वार सबके लिए खुले हैं। इस मंदिर का निर्माण करीन 9 साल पहले हुआ था। इसके निर्माण कार्य के देखरेख के लिए मारुति मंडल नामक धार्मिक संस्था बनाई गई। अच्छी बात यह है कि इस संस्था में आज तक 500 से अधिक मुसलमान सदस्य बन चुके हैं। इस संस्था से जुड़े दोनों ही समुदाय के लोग मिलकर इस मंदिर का रख-रखाव करते हैं। मुस्लिम भक्तों के अनुसार खुदा की इबादत के साथ हनुमानजी की वंदना करना, उनके तन, मन और जीवन को नई ऊर्जा देता है। इससे वे खुद को ईश्वर के अधिक नजदीक महसूस करते हैं।
जय जय श्री राम
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः