Hay Kishori Ji Adham Par Aisi Kirpa Ho Jaye

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Brij Basin Gujari Shri Radha Rani
Brij Basin Gujari Shri Radha Rani

हे किशोरीजू ! इस अधम पर इतनी कृपा हो जाये

हे किशोरीजू ! इस अधम पर इतनी कृपा हो जाये कि वृन्दावन वास बना रहे; किसी अन्य स्थान पर जाने की न तो कोई कामना है, न चाह ही। दास का तो सबसे बड़ा तीर्थ ही वृन्दावन है, वैसे भी ब्रज चौरासी कोस में सभी तीर्थों का वास है सो इन सबको छोड़कर कहाँ जाऊँ? आपकी कृपा से बूँद-बूँद वृन्दावनी रस मिलता रहे, देह में ब्रज-रज लिपटी रहे और रसिकों का स्नेह बना रहे।

यह धूल भी इसी ब्रज-रज में एकाकार हो जाये। हे श्यामाजू ! आपसे सभी तो माँग लिया; विदित है कि इस कामना के आगे तीनों लोकों और चौदह भुवनों का भी समस्त ऐश्वर्य फ़ीका है किन्तु आपकी करुणा ही ऐसी है कि आप रसिकों को यह भी बिना साधन के ही प्रदान कर देती हो क्योंकि इस कामना के लिये तो कोई साधन है भी नहीं !

अहो विधना तोपै अँचरा पसार माँगू, जनम-जनम दिजौ याहि बृज बसिबौ।
अहिर की जात समीप नन्दघर, घरि-घरि घनस्याम सौं हेरि -हेरि हसिबौ॥
दधि के दान मिष बृजकी बिथीन माँझ झकझौरन अँग-अँगकौ परसिबौ।
छीतस्वामी गिरधारी विठ्ठलेश वपुघारी,सरदरैंन माँझ रस रास कौ बिलसिबौ॥

जय जय श्री राधे !
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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