Govardhan Parikrama Darshan by e Rickshaw, Doodh ki Dhar ke Sath

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Mukharvind Darshan Govardhan

गोवेर्धन परिक्रमा दर्शन ई रिक्शा से, दूधा के धर के साथ

1 Day, 3850 Rs + Milk Price

  • Guest House
  • Manorath Pooja before Parikrama
  • Guide by Thirth Prohit
  • Milk for Parikrama
  • Bhojan
  • Parsad After Parikrama
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परिक्रमा विवरण / Parikrama Itinerary

1 Day:

03:00 गोवर्धन पहुचना है।
05:00 से मंदिरों पर श्रृंगार दर्शन के लिए जाना है। दानघाटी, चकलेश्वर, मुखारविंद मानसी गंगा, गौडीय मठ, मनसा देवी और हरदेव जी।
06:30 दानघाटी मंदिर में भगवान गोवर्धन महाराज आरती।

2 Day:

7:30 बजे मनोरथ पूजा ले लिये जाना है।
8:00 से 11:00 परिक्रमा
12:00 परिक्रमा विश्राम

समय सारणी / Time Table

1 Day:

3:30 चाय नास्ता
09:00 रात का खाना

2 Day:

07:00 चाय नास्ता
11:30 दोपहर का खाना

Goverdhan Parikrama Marg Images

Questions and Answers about Goverdhan Parikrama

गोवर्धन परिक्रमा कितने किलोमीटर की है?

यह ७ कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की है। मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लोठा जतिपुरा राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, दानघाटी इत्यादि हैं।

गोवर्धन परिक्रमा कब की जाती है?

प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक। कुसुम सरोवर, चकलेश्वर महादेव, जतीपुरा, दानघाटी, पूंछरी का लौठा, मानसी गंगा, राधाकुण्ड, उद्धव कुण्ड आदि। भगवन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर धारण किया था। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा २१ किलोमीटर की है।

गोवर्धन परिक्रमा क्यों लगाई जाती है?

गोवर्धन पर्वत को गिरिराज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पर्वत की पूजा के पीछे भी धार्मिक कहानी प्रचलित है। मान्यता है कि एक बार इंद्र ने ब्रज क्षेत्र में घनघोर बारिश की। तब लोगों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने इसे कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया।

गोवर्धन की परिक्रमा का क्या महत्व है?

कहा जाता है कि गोवर्धन पर्व के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्वत को श्री गिरिराज जी भी कहा जाता है।

गोवर्धन पर्वत की ऊंचाई कितनी है? / गोवर्धन पर्वत कितना बड़ा है?

पांच हजार साल पहले यह गोवर्धन पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा हुआ करता था और अब शायद 30 मीटर ही रह गया है। पुलस्त्य ऋषि के शाप के कारण यह पर्वत एक मुट्ठी रोज कम होता जा रहा है। इसी पर्वत को भगवान कृष्ण ने अपनी चींटी अंगुली पर उठा लिया था। श्रीगोवर्धन पर्वत मथुरा से 22 किमी की दूरी पर स्थित है। गोवर्धन पर्वत को गिरिराज पर्वत भी कहा जाता है।

गिरिराज जी की परिक्रमा में कितनी भीड़ है?

सदियों से यहाँ दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह ७ कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की है। मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लोटा, दानघाटी इत्यादि हैं।

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