Galat Kaam Karne Wale Ko Dusra Biyakti Bhi Glat Nazar Aata Hai

0
55
Shri Dwarkadhish Ji Maharaj Darshan Mathura
Shri Dwarkadhish Ji Maharaj Darshan Mathura

गलत काम करने वाले को दूसरा व्यक्ति भी गलत ही नजर आता है

दो किसान थे एक ने आम उगाए थे तो दूसरे ने लीची। अपने-अपने फल बाजार में बेचने के बाद उन दोनों ने अपने लिए पांच-पांच किलो फल बचा लिए थे। वापस लौटते समय दोनों रास्ते में मिले। दोनों में बात होने लगी। आम वाला किसान बोला – मैंने फल बचा तो लिए, लेकिन इस बार खूब फसल हुई, हम लोगों ने खूब आम खाए। अब खाने का बिल्कुल भी मन नहीं है। लीची वाले किसान ने कहा – यही हाल मेरा भी रहा। दोनों ने यह फैसला किया कि दोनों आपस में फल बदल लेते हैं।

आम वाले ने लीची ले लीं और लीची वाले किसान ने आम। लेकिन आम वाला किसान बहुत लालची था। उसने नजर बचाकर कुछ आम बचाकर रख लिए। लीची वाला किसान आम पाकर बहुत खुश हुआ। घर जाकर उसने पूरे परिवार को आम खिलाए और उसे बड़ी अच्छी नींद आई। लेकिन आम वाला किसान बहुत व्यथित रहा उसे रात भर नींद नहीं आ सकी। उसे आत्मग्लानि नहीं हो रही थी, बल्कि उसे यह लग रहा था कि कहीं उसकी तरह लीची वाले किसान ने भी कुछ लीचियां छुपाकर तो नहीं रख ली हैं। इस छोटी सी कथा मर्म यह है की गलत काम करने वाले को दूसरा व्यक्ति भी गलत ही नजर आता है। इसी संशय से उसे दुख मिलता है।

बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here