Chhathi Maiya ki Pooja is Vajah se Hoti Hai Aur Janene Kaun Hai Chhathi Maiya

0
41
Chhathi Maiya ki Pooja is Vajah se Hoti Hai Aur Janene Kaun Hai Chhathi Maiya
Chhathi Maiya ki Pooja is Vajah se Hoti Hai Aur Janene Kaun Hai Chhathi Maiya

छठी मैया की पूजा इस वजह से होती है और जानें कौन है छठी मैया

छठिहार क्यूँ होता है? ये बात हर कोई जानना चाहेगा,,क्यूंकि यदा कदा लोग ये सवाल उठाते रहते हैं। बात कन्हैया की जन्म पश्चात की है, बडा ही मनोरम समय था हर तरफ संगीत और बधाई के गीत बज रहे थे। सारा नन्द ग्राम फूलों से सजा हुआ था, हो भी क्यों न आज कान्हा का छठा दिन जो था। परन्तु ये क्या, कनहा तो जोर जोर से रोये जा रहा था हर कोई लल्ला को चुप करने का प्रयास कर रहा था। मगर सब विफल… देव गण भी प्रभू की ये लीला देख अचंभित थे। देवों ने ब्रह्मा जी से निराकरण के लिए कहा तो ब्रह्मा जी ने, शक्ति स्वरूपणी महामाया को भेज दिया।

कान्हा को चुप करने के लिए, ये सुनके महामाया आनंदित हो गई इस कार्य को पाकर और भांति भांति के रूप बदल कर लल्ला को चुप करने की प्रयास करने लगी। कभी फूल बनती तो कभी पक्षी कभी इधर जाती तो कभी उधर जाती। लल्ला चुप, सबको शांति मिली, लेकिन लल्ला अपनी सर को कभी इधर तो कभी उधर क्यों कर रहा है। फिर खुद ही मुस्कुरा रहा है, दरअसल माया की माया सिर्फ प्रभू देख रहे थे और कोई नहीं और फिर लल्ला रोने लगे। तो माया ने कहा की हे ब्रह्मा जी प्रभू को भूख लगी है और मैया को दूध नहीं आ रहा यही है प्रभु की रोने का कारन। फिर ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से यसोदा को छाती में दर्द महसूस हुआ,देखा तो दूध टपक रहा है।

मैया ने झट से कान्हा को गोद में उठाई और छाती से लगा ली, दूध मुह में जाते ही लल्ला चुप हो गए। देव मानव सब हर्षित हो गए परन्तु माया गुमसुम हो गई। ब्रह्मा जी से ये छुपा ना रहा, पूछा की क्या बात है? महामाया ने कहा की मुझे इसमें बड़ा आनंद आ रहा था। ब्रह्मा जी ने मुस्कुराते हुए कहा ये बात है। आज से तुम छठी के रूप में हर बच्चे के छठे दिन पूजी जाओगी। साज सजावट और गीत संगीत से तुम्हारा स्वागत होगा और बिना किसी को दिखाई दिए हर बच्चे के साथ तुम आनंद कर पाओगी।

माया ने कहा की आपका बहुत बहुत धन्वाद प्रभु चुकी आपके आशीर्वाद से यशोदा को दूध आया। इसीलिए छठी के दिन माँ के दूध पिने से बच्चे को वो दूध अमृत के सामान उपकारी हो और हर तरह के कष्ट को दूर करने वाली हो,ऐसा वर दें। तथास्तु , कह के ब्रह्मा जी अलक्षित हो गए और तब से छठी पूजन (छठिहार) का प्रचलन है और छठी के दूध का एक अलग महत्व है। द्वारा

ओ सखी आओ रे गीत छठी के गाओ रे….
नन्द के लाला की छठी धूम धाम से मनाओ रे …..
माखन मिश्री का भोग लगाया …..
अब कढ़ी चावल बनाओ रे आओ सखी आओ रे……
जशोदा माई प्रेम करे हम सब भी स्नेह करे प्रेम से ले ले बलिया कामना लल्ला की दीर्घायु की करे…..
आओ सखी आओ रे गीत छठी के गाओ रे….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here