अक्षय तृतीया पर ठाकुर श्री बांके बिहारी के चरण दर्शन
ठाकुर श्री बाँके बिहारी जी महाराज के श्री चरण के दर्शन होंगे। सुबह में ठाकुर जी के श्री चरण के दर्शन होंगे और शाम को ठाकुर जी के सर्रवानग दर्शन होंगे शाम को ठाकुर जी केवल सानिया ( धोती ) पहनते है। आज के दिन ठाकुर जी के श्री चरण में चंदन का गोला बनाकर रखा जाता है ओर साथ ही ठाकुर जी साल में एक बार अपने श्री चरण में पायल पहनते है।
इस दिन से ब्रज के सभी मंदिरों में ठाकुर जी को सत्तू का भोग, खरबूजे का पना, ककड़ी, अमरस आदि का भोग लगना शुरू हो जाता है और इन्ही दिनो में ठाकुर जी की पंखा सेवा शुरू हो जाती है। चूंकि अधिकांश मंदिरों में इस दिन ठाकुर जी के सर्वांग में चन्दन का लेप लगया जाता है इसलिए ब्रज मंडल के अधिकांश मंदिरों में अक्षय तृतीया से दो – तीन सप्ताह पहले से ही चन्दन का लेप बनाना शुरू हो जाता है।
आप सभी वृन्दावन पधारकर ठाकुर जी के श्री चरण के दर्शन का सोभाग्य प्राप्त करें, साथ ही आप ठाकुर जी के श्री चरण में चंदन का गोला बनवा कर रखवा सकते है और उनको पायल भी पहना सकते है।
![Shri Banke Bihari Ji Darsan Vrindavan](https://shrimathuraji.com/wp-content/uploads/2024/04/darsan-shri-banke-bihari-ji-vrindavan.jpg)
अक्षय तृतीया का इतना महत्व क्यों है जानिए कुछ और महत्वपुर्ण जानकारी
- माँ गंगा का अवतरण धरती पर आज ही के दिन हुआ था।
- महर्षी श्री परशुराम जी का जन्म आज ही के दिन हुआ था।
- माता अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था।
- द्रोपदी को चीरहरण से आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने बचाया था।
- भगवान कृष्ण और मित्र सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था।
- भगवन कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था।
- सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था।
- भगवान श्री ब्रह्मा जी के पुत्र श्री अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था।
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी व बद्री विशाल जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है।
- बृंदावन के भगवान श्री बाँके बिहारी जी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री चरण विग्रह के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वह वस्त्र से ढके रहते है।
- आज ही के दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
- अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है। अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है।
Jai shree bihari ji ki