Braj 84 Kos Yatra Package

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Shri Banke Bihari Ji Vrindavan
Shri Banke Bihari Ji Vrindavan

ब्रज चौरासी कोस यात्रा

ब्रज परिक्रमा की महिमा

भगवान श्री राधा कृष्ण की पावन क्रीडा भूमि ब्रज चौरासी कोस को भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा रानी ने अपनी मनोहारी बाल लीला, माधुर्य लीला एवं ऐश्वर्य लीलाओं के द्वारा धन्य बनाया। तीर्थों ने भी यहां सूक्ष्म रूप से प्रकट होकर इसकी महत्ता स्थापित की। यहां कण – कण एवं तृण – तृण में श्री राधा कृष्ण का मंगलमय बिहार प्रतिक्षण उपस्थित है।

वृंदावन के वृक्ष कों, मरम ना जाने कोय।
डाल-डाल और पात पे, श्री राधे-राधे होय।।

ब्रजराज नंद बाबा को 85 वर्ष की अवस्था में पुत्र के रूप में श्री कृष्ण की प्राप्ति हुई थी। एक दिन नंद बाबा ने कहा लाला प्रत्येक माता-पिता की अभिलाषा रहती है कि उनका पुत्र उन्हें तीर्थ स्थलों की यात्रा कराए। लेकिन तुम अभी 5 वर्ष के हो और हम 90 वर्ष के वृद्ध हो चुके हैं। लगता है जीवन में हम तीर्थ यात्रा नहीं कर पाएंगे। भगवान ने तत्काल समस्त तीर्थों को ब्रजभूमि में प्रकट होने का आदेश दिया भगवान श्री कृष्ण की आज्ञा शिरोधार्य कर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री – यमुनोत्री, हरिद्वार, प्रयाग, पुष्कर, गंगासागर, रामेश्वर, काशी आदि – आदि समस्त तीर्थ ब्रज में प्रगट हो गए।

श्री कृष्ण कृपा से समस्त बृजवासी ब्रज में ही सारे तीर्थों के दर्शन प्राप्त कर भाव विभोर हो गए तभी से समस्त तीर्थ ब्रज चौरासी कोस में सूक्ष्म रूप से निरंतर वास करते हैं। जो जीव ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा करता है उसे समस्त तीर्थों की यात्रा का फल प्राप्त हो जाता है। एवं जीव को 84 लाख योनियों से छुटकारा प्राप्त हो जाता है।

ब्रज चौरासी कोस की, परिक्रमा एक देत।
लख चौरासी योनि के, संकट हरि हर लेत।।

ब्रज यात्रा की यह परंपरा लगभग 5 हजार वर्ष पुरानी है। नंद बाबा आदि ब्रज वासियों के पश्चात ब्रह्मा जी ने भी ब्रज परिक्रमा की थी। भगवान श्री कृष्ण के स्वधाम गमन पश्चात उनके परम मित्र श्री उद्धव जी ने भी श्री कृष्ण विरह में ब्रज परिक्रमा की। बाद में इस परंपरा का निर्वाह करते हुए वैष्णव, संत एवं भक्तजन ब्रज परिक्रमा करने लगे। यह परंपरा आज भी अनवरत जारी है और लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष ब्रज यात्रा करते हैं।

मुक्ति कहे गोपाल से, मेरी मुक्ति बताएं।
ब्रजरज उड़ी मस्तक लगे, मुक्ति मुक्त है जाय।

ब्रज चौरासी कोस यात्रा का परिक्रमा मार्ग / Braj Chaurasi Kos Yatra Ka Parikrama Marg

यह यात्रा 7 दिनों में पूरी होती है, ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में आने वाले स्थान इस प्रकार है।

1. मधुवन
2. तालवन
3. कुमुदवन
4. शांतनु कुण्ड
5. सतोहा
6. बहुलावन
7. राधा-कृष्ण कुण्ड
8. गोवर्धन
9. काम्यक वन
10. संच्दर सरोवर

11. जतीपुरा
12. डीग का लक्ष्मण मंदिर
13. साक्षी गोपाल मंदिर
14. जल महल
15. कमोद वन
16. चरन पहाड़ी कुण्ड
17. काम्यवन
18. बरसाना
19. नंदगांव
20. जावट

21. कोकिलावन
22. कोसी
23. शेरगढ
24. चीर घाट
25. नौहझील
26. श्री भद्रवन
27. भांडीरवन
28. बेलवन
29. राया वन
30. गोपाल कुण्ड

31. कबीर कुण्ड
32. भोयी कुण्ड
33. ग्राम पडरारी के वनखंडी में शिव मंदिर
34. दाऊजी
35. महावन
36. ब्रह्मांड घाट
37. चिंताहरण महादेव
38. गोकुल
39. लोहवन
40. वृन्दावन के मार्ग में आने वाले तमाम पौराणिक स्थल है

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आगंतुक यात्रियों के लिए आवश्यक सूचना

  • आवश्यकता अनुसार अपनी नियमित एवम जरूरत औषधि साथ लाएं।
  • सभी यात्री असली आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य दो पहचान पत्र (प्रमाणित दस्तावेज) साथ लाएं। एक पासपोर्ट साइज नया फोटो और अपने साथ लाए हुए दो पहचान प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी आते के साथ दें।
  • अग्रिम भुगतान के अलावा शेष राशि आते के साथ पूर्ण भुगतान करें।
  • दर्शनीय स्थलों पर लगने बाला टिकट यात्री का स्वयं का होगा।
  • सभी यात्री नियम व समय अनुसार चलने के लिए बाध्य होंगे।
  • सुबह नाश्ता के साथ चाय, दोपहर को भोजन, दोपहर बाद चाय और रात्रि के भोजन के अलावा अन्य कोई भी खाद्य या पेय सामग्री लेने पर शुल्क अलग से यात्री को ही देना होगा।
  • यात्रा के दौरान नॉनवेज, मीट, लहसुन – प्याज, अंडा आदि का सेवन वर्जित है। धूम्रपान या अन्य किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का प्रयोग करना वर्जित है।
  • यात्रा काल में पार्लर नहीं जायेंगे।
  • गेस्ट हाउस के बाहर अपनी मर्जी से जाने पर या किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क बनाने पर भविष्य में होने वाले नुकसान (हानि) के आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
  • आवश्यकता विशेष होने पर ही फोन – मोबाइल का प्रयोग करें। अन्यथा इस ब्रज चौरासी कोस दर्शन परिक्रमा यात्रा का पूर्ण आनंद आप प्राप्त नहीं कर पाएंगे। और आपकी वजह से जिन भक्तों को समस्या होगी उसका भी पाप आपको लगेगा।
  • भक्तों को गोवर्धन एवं गेस्ट हाउस तक स्वयं के साधन एवं किराए से पहुंचना होगा। और यदि ट्रस्ट के द्वारा आप आना, जाना आदि सुविधा चाहते है, तो उसका संपूर्ण किराया आपको ही भुगतान करना होगा।
  • 5 वर्ष तक के बच्चों का पूरा शुल्क लगेगा और आधार कार्ड या अन्य Id प्रोफ भी दिखाना अनिवार्य होगा।
  • ब्रद्धयात्री अपने साथ एक सहायक अवश्य लाए, अलग से।
  • आगंतुक भक्तजनों से अनुरोध है कि अपने सुझाव एवम शिकायत लिखित में दें, अपने परिचय के साथ।
  • आगंतुक यात्री अपने वाहन व अपने कीमती सामान की स्वयं सुरक्षा रखें। किसी भी प्रकार का नुकसान होने पर वह आपकी स्वयं की जिम्मेदारी होगी।
  • एक रूम में 2 से 3 व्यक्तियों की शेयरिंग होती है।
  • यात्रियों को यात्रा संबंधित बनाए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

यात्रा में भक्तो को आया आनंद उनके मुख से सुने

Braj Chaurasi Kos Yatra Darshan

16 COMMENTS

  1. I am Nandita Ray from Kalyani, Nadia,WB.
    When will be held 84 kos Braj yatra . We are 2 person. Pl inform the cost and date in 2021 after May 21.

  2. Namastey. Radhey Radhey…

    Kindly let me know the dates for the next chaurasi kos yatra. I am from Chennai and would like to join your team in the yatra.

  3. We are planning to visit for 84 Kos Yatra we are Two Male and Two Female family members Required swift AC what’s the total cost Please send us all details

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