बरसाना परिक्रमा दर्शन
ब्रज के सभी धर्म स्थलों पर परिक्रमा का महत्व होता है। गोवर्धन जी की गिरिराज परिक्रमा तो विश्व प्रसिद्ध है। मथुरा, वृंदावन और बृज के अन्य स्थानों पर भी परिक्रमा होती है। बरसाना की जो परिक्रमा है वह गहवरवन परिक्रमा कहलाती है। कहतें हैं कि बरसानौ जान्यौं नहीं, जान्यौ न राधा नाम, तौ तेने जानौ कहा बृज को तत्व महान।
बरसाना के परिक्रमा करीब एक कोस की है, बरसाना जी की परिक्रमा में यहां के अधिकांश मंदिरों के दर्शन होते हैं। जैसा की आप सभी भक्त परिक्रमा के बारे में जानते ही है कि परिक्रमा जहाँ से शुरु होती हैं वही पर ही परिक्रमा को समाप्त किया जाता है। अधिकांश भक्त यह परिक्रमा मुख्य बाजार से शुरू करते हैं।
बरसाना परिक्रमा में पढने वाले प्रमुख स्थान इस प्रकार है…
शीतला माता का मन्दिर, सांकरी खोर ( यही पर भगवान श्रीकृष्ण ने मटकी फोड़ लीला की थी ), गहवर वन, राधा रस मन्दिर, मान मन्दिर, मोरकुटी, राधा सरोवर ( गहवर कुंड ), महाप्रभु जी की बैठक, जयपुर मन्दिर ( दानगढ़ मन्दिर ), कुशल बिहारी जी मंदिर, स्वामीजी के दर्शन ( स्वामी जी लाड़लीजी मन्दिर के गोस्वामीजनों के पूर्वज हैं ), लाड़लीजी मन्दिर ( यहां विराजती हैं वृषभानु की दुलारी ), गोमाता का मन्दिर, श्री राधाजी के चरण चिन्ह के दर्शन, ब्रह्मा जी का भी मन्दिर, राधाजी के दादी बाबा का मन्दिर, सुदामा चौक, साक्षी गोपाल मंदिर, दाऊजी मन्दिर, सुदामा जी का मन्दिर, पथवारी देवी का मन्दिर, वृषभानु जी मन्दिर, अष्टसखी मन्दिर, लड़ैती लाल मन्दिर, रंगीली गली चौक, गंगा मन्दिर, गोपाल जी मन्दिर और श्यामा श्याम मन्दिर के दर्शन करते हुए श्रद्धालु मुख्य बाजार में पहुंचते हैं। यह वही स्थान है जहां से परिक्रमा शुरू की थी।
All details of Mathura, Vrindavan, Goverdhan, Barsana and Nandagaon for reliegous traveling.