Aap Krpa Karake Mujhe Sansaar Bandhan Se Chhudao

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Shri Nath Ji Darshan Govardhan Mathura
Shri Nath Ji Darshan Govardhan Mathura

आप कृपा करके मुझे संसार बन्धन से छुड़ाओ

किसी राजा ने संत कबीर जी से प्रार्थना की किः “आप कृपा करके मुझे संसार बन्धन से छुड़ाओ।”
कबीर जी ने कहाः “आप तो धार्मिक हो… हर रोज पंडित से कथा करवाते हो, सुनते हो…”
“हाँ महाराज ! कथा तो पंडित जी सुनाते हैं, विधि-विधान बताते हैं, लेकिन अभी तक मुझे भगवान के दर्शन नहीं हुए हैं… अपनी मुक्तता का अनुभव नहीं हुआ। आप कृपा करें।”
“अच्छा मैं कथा के वक्त आ जाऊँगा।”

समय पाकर कबीर जी वहाँ पहुँच गये, जहाँ राजा पंडित जी से कथा सुन रहा था। राजा उठकर खड़ा हो गया क्योंकि उसे कबीर जी से कुछ लेना था। कबीर जी का भी अपना आध्यात्मिक प्रभाव था। वे बोलेः
“राजन ! अगर कुछ पाना है तो आपको मेरी आज्ञा का पालन करना पड़ेगा।” “हाँ महाराज !”
“मैं आपके तख्त पर बैठूँगा। वजीर को बोल दो कि मेरी आज्ञा का पालन करे।”

राजा ने वजीर को सूचना दे दी कि अभी ये कबीर जी राजा है। वे जैसा कहें, वैसा करना। साहेब कबीर जी ने कहा कि एक खम्भे के साथ राजा को बाँधो और दूसरे खम्भे के साथ पंडित जी को बाँधो। राजा ने समझ लिया कि इसमें अवश्य कोई रहस्य होगा। वजीर को इशारा किया कि आज्ञा का पालन हो। दोनों को दो खम्भों से बाँध दिया गया।

साहेब कबीर जी पंडित से कहने लगेः

“देखो, राजा साहब तुम्हारे श्रोता हैं। वे बँधे हुए हैं, उन्हें तुम खोल दो।”
“महाराज ! मैं स्वयं बँधा हुआ हूँ। उन्हें कैसे खोलूँ ?” कबीर जी ने राजा से कहाः “ये पंडित जी तुम्हारे पुरोहित हैं। वे बँधे हुए हैं। उन्हें खोल दो।” “महाराज ! मैं स्वयं बँधा हुआ हूँ, उन्हें कैसे खोलूँ ?”

कबीर जी ने समझायाः

बँधे को बँधा मिले छूटे कौन उपाय ।
सेवा कर निर्बन्ध की पल में दे छुड़ाय ।।

‘जो पंडित खुद बन्धन में है, जन्म-मरण के बन्धन से छूटा नहीं, उसको बोलते हो कि मुझे भगवान के दर्शन करा दो, संसार के बंधनों से छुड़ा दो? अगर बंधन से छूटना है तो उनके पास जाओ जो स्वयं सांसारिक कर्म-भोग, जन्म-मरण के बंधनों से छूटे हैं। ऐसे निर्बन्ध ब्रह्मवेत्ता और कर्म-बंधनों से छुड़ाने वाले संसार में केवल एक सदगुरु ही होते हैं। जिनकी सेवा करके ही इस संसार के आवा-गमन से मुक्ति सम्भव है।

श्री द्वारिकेशो जयते।

बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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