Aap Ka Darshan Pa Liya Ab Ye Jeevan Hee Sulajh Gaya Jata Kee Kya Baat Hai

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Aap Ka Darshan Pa Liya Ab Ye Jeevan Hee Sulajh Gaya Jata Kee Kya Baat Hai
Aap Ka Darshan Pa Liya Ab Ye Jeevan Hee Sulajh Gaya Jata Kee Kya Baat Hai

आपका दर्शन पा लिया अब ये जीवन ही सुलझ गया जटा की क्या बात है

एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे। एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए। और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे।

हे मुरलीधर छलिया मोहन।
हम भी तुमको दिल दे बैठे।।
गम पहले से ही कम तो ना थे।
एक और मुसीबत ले बैठे।।

बहोत से ब्रजवासी जन आये और बोले बाबा हम सुलझा देवे तेरी जटाए तो बाबा ने सबको डांट के भगा दिया और कहा की जिसने उलझाई वोही आएगा अब तो सुलझाने। बहोत समय हो गया बाबा को बैठे बैठे……

तुम आते नहीं मनमोहन क्यों।
इतना हमको तडपाते हो क्यों।।
प्राण पखेरू लगे उड़ने।
तुम हाय अभी शर्माते हो क्यों।।

तभी सामने से 15-16 वर्ष का सुन्दर किशोर हाथ में लकुटी लिए आता हुआ दिखा। जिसकी मतवाली चाल देखकर करोडो काम लजा जाएँ। मुखमंडल करोडो सूर्यो के जितना चमक रहा था। और चेहरे पे प्रेमिओ के हिर्दय को चीर देने वाली मुस्कान थी।
आते ही बाबा से बोले बाबा हम हूँ सुलझा दें तेरी जटा।
बाबा बोले आप कोन हैं श्रीमान जी?
तो ठाकुर जी बोले हम है आपके कुञ्ज बिहारी।
तो बाबा बोले हम तो किसी कुञ्ज बिहारी को नहीं जानते।
तो भगवान् फिर आये थोड़ी देर में और बोले बाबा अब सुलझा दें।
तो बाबा बोले अब कोन है श्रीमान जी ।
तो ठाकुर बोले हम हैं निकुंज बिहारी।
तो बाबा बोले हम तो किसी निकुंज बिहारी को नहीं जानते।
तो ठाकुर जी बोले तो बाबा किसको जानते हो बताओ?
तो बाबा बोले हम तो निभृत निकुंज बिहारी को जानते हैं।
तो भगवान् ने तुरंत निभृत निकुंज बिहारी का स्वरुप बना लिया। ले बाबा अब सुलझा दूँ।
तब बाबा बोले च्यों रे लाला हमहूँ पागल बनावे लग्यो!
निभृत निकुंज बिहारी तो बिना श्री राधा जू के एक पल भी ना रह पावे और एक तू है अकेलो सोटा सो खड्यो है।
तभी पीछे से मधुर रसीली आवाज आई बाबा हम यही हैं। ये थी हमारी श्री जी।
और श्री जी बोली अब सुलझा देवे बाबा आपकी जटा।
तो बाबा मस्ती में आके बोले लाडली जू आपका दर्शन पा लिया अब ये जीवन ही सुलझ गया जटा की क्या बात है।

लाडली जी की जय हो।
बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय।
जय जय श्री राधे।
श्री राधा- कृष्ण की कृपा से आपका दिन मंगलमय हो।
श्री कृष्ण शरणम ममः

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